अपहरण किए गए भारतीय आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मीडिया से बात करते हुए यह जानकारी दी है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया है कि ये सभी सात भारतीय लीबिया के अशवरीफ नाम की जगह से अगवा किए गए हैं। ये सभी कंस्ट्रक्शन और ऑयल कंपनी में काम कर रहे थे। अभी अगवा हुए नागरिकों की सकुशल रिहाई को लेकर वहां की सरकार से बातचीत की जा रही है। हालांकि अभी तक इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि इन्हें अगवा किसने किया है।
2015 में जारी की गई थी एडवाइजरी
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर सितंबर 2015 एक एडवाइजरी जारी की गई थी और लीबिया न जाने की चेतावनी दी गई थी। इतना ही नहीं, सरकार ने 2016 में लीबिया की यात्रा पर पाबंदी लगा दी थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सभी सातों नागरिकों को की सकुशल रिहाई को लेकर ट्यूनीशिया में हमारे दूतावास ने लीबिया की सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से संपर्क किया है। दावा किया कि अपहरण किए गए नागरिक सुरक्षित हैं, क्योंकि इनकी तस्वीरें दिखाई गई है। सरकार अपहृत लोगों के परिजनों से लगातार संपर्क में है।
लीबिया से नाइजर भेजे गए 116 अवैध प्रवासी, पंजीकरण से लेकर परिवहन तक की दी गई मदद
उन्होंने कहा कि लिबियाई अधिकारियों और जहां वे लोग काम करते थे उनकी मदद से हम जल्द से जल्द अपने नागरिकों का पता लगा लेंगे और उन्हें अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लेगें। बता दें कि इससे पहले भी 2015 में चार भारतीय नागरिकों का अपहरण किया गया था। इसके अलावा मोसुल में भी 39 भारतीयों को अगवा किया गया था।