नई दिल्ली। दुनिया में अगर कोई निस्वार्थ भाव से आपकी सेवा कर सकता है तो वो एकमात्र मां ही है। मां के अलावा कोई ऐसा नहीं जो कि बिना किसी चीज़ के बदले आपकी सेवा करें। शायद इसीलिए दुनिया में भगवान को मां का स्थान दिया गया है। मां के निस्वार्थ प्रेम के बहुत किस्से हमें सुनने को मिलते हैं। आज भी एक ऐसे किस्से से हम आपका रूबरू करवाएंगे।
इस किस्से के बारे में जानने के बाद आपकी भी आंखे भर आएगी। 34 साल की महिला सैम किमी की हाल ही में मौत हो गई। सैम ब्रिटेन के बैनबरी की रहने वाली है जिसकी मोटर न्यूरॉन डिजीज के चलते मौत हो गई। लेकिन इस मां ने अपनी मौत के पहले वो कर दिखाया जिससे कि एकबार फिर से मां की ममता का मिसाल हमें देखने को मिला। सैम को अपने इस बीमारी के बारे में अप्रैल को पता चला। उसके बाद से उसे बस एक ही चिंता खाए जा रही थी कि मौत के बाद उसके बच्चे कैसे रहेंगे?
सैम को मौत से ज्यादा फिक्र अपने बच्चों की थी। उसके बच्चे अपनी मां के मौत के बाद आराम से आस्ट्रेलिया में रह सके इसके लिए सैम ने ऑनलाइन क्राउड फंडिंग के माध्यम से 40 लाख रूपए इक_ा कर लिया। साइट पर सैम ने लिखा कि मेरा सबसे बड़ा डर ये नहीं है कि मैं मर रही हूं बल्कि मेरा डर ये है कि मेरे जाने के बाद मेरे बच्चे क ैसे सलामत रहेंगे? डाक्टर्स ने सैम से कह दिया था कि वो अब कुछ महीने ही जिंदा रहेगी।
साइट से एकत्रित हुए इस धन से सैम का अंतिम संस्कार और उसके बच्चों के स्कूल की फीस भरी जाएगी। आस्ट्रेलिया में रहने वाली सैम की बहन पिपा ह्यूज का इस बारे में कहना है कि सैम की आखिरी इच्छा यही थी कि उसके जाने के बाद उसके बच्चे आस्ट्रेलिया में अपनी मौसी के साथ रहे। इस गुरूवार को सैम की मौत हो गई। सैम ने एकबार फिर से ये दिखा दिया कि एक मां अपने बच्चों के लिए जो कर सकती हैवो कोई और नहीं कर सकता।