ये है फायदे-नुकसान का गणित – भारत और अमरीका के बीच लंबे समय से अच्छे संबंध हैं। कूटनीतिक, वैश्विक रणनीति और आर्थिक तीनों ही मोर्चों पर अमरीका और भारत एक-दूसरे के अच्छे दोस्त और साझेदार माने जाते हैं।
– ऐसे में ईरान के साथ तेल का रिश्ता बरकरार रखकर भारत को अमरीका की नाराजगी मोल लेनी पड़ सकती है, जो कई मोर्चों पर हानिकारक साबित होगी। – अमरीका से दोस्ती चीन के मुकाबले के लिए भी मददगार है। जो भारत को एशिया में अपनी स्थिति मजबूत करने में सहायता करेगा।
– ईरान के साथ तेल खरीद में कमी की तो तेल की कीमतों और फॉरेन एक्सचेंज के मामले में नुकसान उठाना पड़ सकता है। – भारत पहले ही अमरीका से बड़े पैमाने पर कच्चा तेल खरीद रहा है। ऐसे में ईरान से खरीदी और कम की तो शिपिंग का खर्चा भी बढ़ जाएगा।
सख्त है अमरीका का रुख इस मामले में अमरीका का रुख बेहद सख्त है। हाल ही में ईरान का समर्थन करने को लेकर अमरीका ने यूरोप को भी चेतावनी दी थी। दरअसल ईरान परमाणु समझौते से अमरीका के पीछे हटने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनातनी का दौर जारी है। फिलहाल इसमें किसी तरह के समझौते की संभावना भी कम ही है।