उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जैविक हथियार के खतरे का जिक्र करते हुए कहा कि इसके संभावित खतरे को हम उतनी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जितना लेने की जरूरत है। बिल गेट्स का कहना है कि परमाणु हथियार से आप ज्यादा से ज्यादा 10 करोड़ लोगों को मारने के बाद रुक जाएंगे। लेकिन यह बीमारी नहीं रुकेगी, क्योंकि आम जनता सीधी-सादी होती है। अगर यह फैल गया तो इससे मरने वालों की संख्या कहीं ज्यादा विनाशक हो सकता है।
बिल गेट्स ने बताया कि यह महामारी प्राकृतिक या आतंकी षडयंत्र में से कुछ भी हो सकता है। एक आतंकी कंप्यूटर स्क्रिन के जरिए इस काम को जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद अंजाम दे सकता है। हो सकता है कि ऐसा करने वाला आतंकी चेचक के वायरस का सिन्थेटिक संस्करण बनाने का इरादा रखता हो। या फिर प्राकृतिक रूप से बहुत ही संक्रामक व घातक फ्लू से होगा। बिल गेट्स की नजर में यह वायरस 1918 इन्फ्लूएंजा महामारी की तरह या इससे अलग हो सकता है। हो सकता है कि यह एक फ्लू के रूप में न होकर किसी और रूप में हो। यह कुछ ऐसा हो सकता है जिसे हमने कभी नहीं देखा है। महामारी के विशेषज्ञों का कहना है कि एक फ्लू छह महीने के भीतर तीन करोड़ लोगों को मार सकता है। लेकिन यह उससे ज्यादा घातक होगा। हवा के जरिए तेजी से फैलने वाला यह वायरस छह महीने में 3 करोड़ से ज्यादा लोगों की जान ले सकता है। इस बात की प्रबल संभावना है कि अगले 10 से 15 साल में इस महामारी से सबका सामना हो जाए।
इस अनाम वायरस के खतरों से पार पाने के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जो संस्थाएं पिछले 20 साल से विश्व स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के लिए पैसे देते हैं वो लोग बायोटेक्नॉलोजी, नए टीके और दवाएं इजाद कर इस महामारी को फैलने से रोक सकते हैं। इसके लिए यूनिवर्सल वैक्सीन की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने सम्मलेन में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से महामारियों के लिए उसी तरह तैयारी करने की की अपील की है जिस तरह से जंग के लिए तैयारी की जाती है। जो उपाय हम प्राकृतिक रूप से फैलने वाली महामारी से बचाव के लिए करते हैं वही हमें एक जान बूझकर किए जाने वाले जैविक हमले के लिए करने होंगे।। उन्होंने कहा कि हमारी सरकारों को न्यूक्लिटर डिटरेंस जितना ही इस घातक महामारी के लिए तैयारी करनी होगी।
हम एक सार्वभौमिक फ्लू टीका की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। गेट्स ने घोषणा की है कि बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन अनाम वायरस से पार पाने के लिए टीका के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए बतौर अनुदान में 8,151 करोड़ रुपए दे सकता है।