लेकिन बैली अपनी इच्छाओं का काफी शक्तिशाली था। उसने ठान लिया था कि वो तब तक कैंसर का मुकाबला करेगा जब तक कि वो अपनी बहन से न मिल ले। बहन से मिलने और उसके नामकरण की तड़प लेकर बैली ने 15 महीनों तक शक्तिशाली हो चुके खतरनाक कैंसर से लोहा लिया और तब तक ज़िंदा रहा, जब तक कि वो अपनी बहन को अपनी गोद में न खिला लिया। मरने से पहले बैली ने अपनी नन्ही सी बहन को खूब
प्यार किया। गोद में बैली ने अपनी बहन को खूब दुलार किया और उसके साथ आखिरी पल बिताए।
पिछले साल
क्रिसमस की शाम को बैली ने अपने माता-पिता के साथ बेड पर ही दम तोड़ दिया। मरने से पहले बैली ने अपनी नवजात बहन का नाम ‘मिली’ रखा। बैली के माता-पिता ली और रेचेल ने बताया कि कैंसर से लड़ने के लिए बैली ने काफी संघर्ष किया था। ली ने बताया कि बैली को 15 महीने तक सर्वाइव करने के लिए कई तरह के हेवी ट्रीटमेंट से गुज़रना पड़ा। उन्होंने बताया कि कैंसर ने बैली को साल 2016 की गर्मियों से घेरना शुरु कर दिया था। शुरुआत में कैंसर ने बैली की छाती में जगह बनाई जो समय के साथ-साथ पूरे शरीर में फैलता चला गया था।
माता-पिता, दोस्तों के साथ-साथ अपनी प्यारी बहन को छोड़ने से पहले बैली ने कहा कि, “मैं जीना चाहता हूं लेकिन अब मेरे जाने का वक्त हो चुका है ताकि मैं ऊपर जाकर मिली का गार्जियन सितारा बन सकूं।”