अक्सर बच्चे खेल-खेल में बड़े कारनामे कर जाते हैं। कभी उनका खेल बड़ों के लिए सिर दर्द बनता है, तो कभी वे कुछ ऐसा कर जाते हैं कि हर कोई दांतों तले उंगली दबा लेता है। इंग्लैंड के क्रिस्टलेटन में तीन बच्चों ने कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया।
ढूंढ़ रहे थे खेलने की चीज़- 12 साल का ल्यूक स्टरगेस अपनी 9 साल की कजन चार्लोट टगी के साथ नहर के किनारे खेल रहा था। उनका 16 साल का दोस्त डिऑन एवांस भी उनके साथ था।
वे तीनों नहर के किनारे बैठकर एक रस्सी से बंधे मैग्नेट को बार-बार पानी में फेंक रहे थे, जिससे कि उनके मतलब की कोई लोहे की चीज़ उनके हाथ लग जाए। पर थोड़ी देर में मैग्नेट में चिपक कर जो बाहर आया, उसे देख उन तीनों के होश उड़ गए।
वो और कुछ नहीं, बल्कि खतरनाक बम था- रस्सी खींचते वक़्त उन्हें कोई भारी चीज़ महसूस हुई। जब वो बाहर निकली, तो बम जैसी दिखाई दे रही थी। बच्चों ने अन्दाज़ा लगाया कि वो हैंडग्रेनेड हो सकता है। तब ल्यूक ने उसकी फोटो खींच कर अपनी मम्मी को भेजी। उसकी मम्मी ने वो फोटो अपने देवर मार्टिन को दिखाई, जो सेना में रहे थे। उन्होंने देखते ही पहचान लिया कि यह दूसरे विश्व युद्ध के समय इस्तेमाल होने वाला हैंडग्रेनेड है। इस बात का पता चलते ही उन्होंने बच्चों को उससे दूर रहने की हिदायत दी और नहर की ओर भागे। उन्होंने पुलिस को भी फोन कर दिया था।
बम कभी भी फट सकता था- मार्टिन ने सबसे खतरनाक बात यह नोटिस की थी कि हैंडग्रेनेड में पिन नहीं थी। इसका मतलब कि वह कभी भी फट सकता था। जब पुलिस नहर के पास बने पुल पर पहुंची, तो उसने ग्रेनेड से दूर रहकर ही बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड का इंतजार किया। हैंडग्रेनेड पाए जाने की खबर से आसपास के इलाकों के लोगों में दहशत भर गई। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नहर के पास के सभी रास्ते बंद कर दिए गए।
गड्ढा खोद कर विस्फोट कराया- बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड ने वहाँ पहुंच कर मैदान में एक बहुत बड़ा गड्ढा किया। फिर उसके भीतर बम का विस्फोट कराया। बहादुर बच्चों और उनके अभिभावकों की जम कर तारीफ की गई। बाद में पता चला कि वह हैंडग्रेनेड नहर में 70 सालों से पड़ा हुआ था और कभी भी फट सकता था।