चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अपनी खबरों में दावा किया था कि 64 साल के मेंग को चीन ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। बाद में चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि इंटरपोल के पूर्व चीनी प्रमुख को रिश्वत स्वीकार करने के आरोप के तहत हिरासत में लिया गया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रविवार को इस्तीफा देने वाले मेन्ग होंग्वेई ने रिश्वत स्वीकार की और उन पर कई और गंभीर कानून उल्लंघन के मामलों का संदेह है। बता दें कि फ्रांसीसी अधिकारियों ने शुक्रवार को खुलासा किया था कि मेंग होंगवेई पिछले महीने फ्रांस छोड़ने के बाद गायब हो गए थे।
चीन ने कई बार पूछे जाने पर यह जानकारी दी है कि उसने इंटरपोल के पूर्व मुखिया को गिरफ्तार किया है। हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय संगठनों में नेतृत्व पदों को हासिल करने के चीन के प्रयासों पर उल्टा असर डाल सकता है। लेकिन चीफ के ऊपर लगा घूस का आरोप फ्रांस स्थित इंटरपोल के ऊपर काला धब्बा है। चीनी सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के बयान के तुरंत बाद इंटरपोल ने एक बयान जारी कर कहा कि मेंग होंगवेई ने इस्तीफा दे दिया है।
मानवाधिकार समूहों की चिंताओं के बावजूद मेंग को 2016 में इंटरपोल चीफ नियुक्त किया गया था। लेकिन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश को वैश्विक मामलों में एक जिम्मेदार खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने के लिए जोड़ तोड़ कर मेंग को इंटरपोल का चीफ बनवा दिया था। ताजा मामले के बाद चीन की अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के नेतृत्व करने की दावेदारी पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है। बता दें कि चीन की हाल ही में स्थापित राष्ट्रीय पर्यवेक्षी आयोग को पारदर्शिता के लिए सार्वजनिक कर्मचारियों की जांच करने के लिए व्यापक शक्तियां हासिल हैं। हालांकि चीन ने मेंग के खिलाफ आरोपों को विस्तार से नहीं बताया है।
इंटरपोल चीफ बनने से पहले मेंग को देश के आतंकवाद विरोधी अभियान समेत कई संवेदनशील पोर्टफोलियो सौंपे गए थे।उनके इंटरपोल में कार्यकाल के दौरान चीनी अरबपति गुओ वेंगुई के लिए रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया था। यूरोपीय देशों में माना जा रहा है कि शायद मेंग को इस कार्रवाई के दण्डित करने के लिए गिरफ्तार किया गया हो। हाल के वर्षों में ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं जब चीन के कई अधिकारी रहस्यमय ढंग से गायब हो गए और कई हफ्तों तक उनका कोई पता नहीं चला। बाद में चीनी सरकार ने बताया कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। चीन द्वारा ऐसे ज्यादातर मामले भ्रष्टाचार के बताए जाते हैं।