चीन ने यह कार्रवाई ऐसे समय पर की है, जब अमरीका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स एजार अपनी ताइपे की यात्रा पर हैं। दरअसल चीन ने इस दौरे को लेकर सख्त आपत्ति जताई थी। यही नहीं विरोध के रूप में उनके लड़ाकू विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसने की कोशिश की।
Belarus: 2nd World War में बर्बाद हो गए इस देश के बारे में ये 5 बातें नहीं जानते होंगे आप ताईवान पर करीब चार दशक में ये किसी उच्च पदस्थ अमरीकी पदाधिकारी का यह पहला दौरा है। इस दौरान एजार ताईवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से मिले। वे यहां पर तीन दिवसीय दौरे पर हैं। गौरतलब है कि चीन ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का टुकड़ा मानता है। ऐसे में किसी उच्च स्तरीय विदेशी प्रतिनिधि का यहां पर आना उसे खल रहा है।
वाशिंगटन और ताइपे के बीच सहयोग में और कामयाबी हासिल हो सकेगी एजार का यह दौरा ऐसे समय में है, जब अमरीका और चीन के बीच तनाव चरम पर है। उनके दौरे को बीजिंग के लिए एक बड़ा कूटनीतिक झटका माना जा रहा है। चीन से ताइवान की आजादी की दृढ़ समर्थक ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग वेन के अनुसार एजार का दौरान अमरीका और ताइवान के संबंधों को नई उच्चाई पर ले जाएगा। वाशिंगटन और ताइपे के बीच सहयोग में और कामयाबी हासिल हो सकेगी। एजार का दौरा 2018 के ताइवान यात्रा अधिनियम से लागू हुआ है जो वॉशिंगटन को दशकों बाद उच्चतर स्तर का अफसर भेजने के लिये प्रोत्साहित करता है।
White House के बाहर गोलीबारी, मीडिया ब्रीफिंग को बीच में छोड़कर सुरक्षा घेरे में पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप पहले इन विमानों को मौखिक चेतावनी जारी की गई मीडिया रिपोर्ट के अनुूसार बैठक से पहले चीनी लड़ाकू विमानों ने सोमवार को ताइवान जलडमरूमध्य के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की है। चीनी वायुसेना के शेनयांग जे-11 और चेंगदु जे-10 लड़ाकू विमानों सुबह नौ बजे इस हरकत को अंजाम दिया है। पहले इन विमानों को मौखिक चेतावनी जारी की गई। बाद में ताइवान को मजबूरन अपने लड़ाकू विमानों को भेजना पड़ा।
अमरीका के समक्ष सख्त विरोध दर्ज कराया है बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मीडिया ब्रीफिंग में जानकारी दी कि ‘अमरीका और ताइवान के बीच के रिश्तों का चीन सख्त विरोध करता है। ’ उन्होंने कहा कि हमने अमरीका के समक्ष सख्त विरोध दर्ज कराया है। प्रवक्ता ने कहा, ‘एक चीन का सिद्धांत चीन-अमरकी के बीच संबंधों का आधार है। अमरीका ने जो किया, वह प्रतिबद्धताओं का गंभीर उल्लंघन है।