मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नए ट्रेनिंग मॉडयूल्स में लगातार फायरिंग और हथगोला फेंकने के अलावा कड़ी शारीरिक कसरत शामिल है। 2018 और 2019 में दो नए ट्रेनिंग मॉडयूल शुरू किए गए। इन ट्रेनिंग सेशन में कितनी कड़ी मेहनत कराई जा रही है और उनकी गतिविधियां अग्रिम चौकियों से भारतीय सैनिकों की ओर से साफ देखी जा सकती हैं।
चीन की ट्रेनिंग इतनी कठिन है कि इसमें कई सैनिकों को दंडित भी किया जाता है। टास्क में मानकों को पूरा नहीं करने वालों को कड़ी सजा दी जाती है। चीन यहां पर अपनी मजबूत स्थिति कायम करने के लिए इस तरह की ट्रेनिंग दे रहा है। विशेषज्ञों का मनना है कि चीन भारतीय सेना से बेहतर फीटनेस को लेकर तैयारी कर रहा है। बताया जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश से लगते सेक्टरों में चीन की सेना ने 2018 में 401 और 2019 में 471 ट्रेनिंग सेशन पूरे किए।
डोकलाम गतिरोध के बाद 2017 में दोनों देशों के संबंधों में काफी कड़वाहट देखने को मिली थी। पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अप्रैल 2018 में वुहान में हुई बैठक के बाद स्थिति में सुधार हुआ। दोनों देशों की सेनाओं के लिए रणनीतिक दिशानिर्देश तैयार किए गए। इसके बाद तनाव कम हुआ है।