सबसे पहली बार कोरोना वायरस चीन के वुहान में नहीं बल्कि स्पेन (Spain) में मिला था। यह दावा स्पेन के बार्सिलोना विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने हालिया अध्ययन में किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि स्पेन के एक शहर के अपशिष्ट जल में इस वायरस की मौजूदगी 12 मार्च 2019 को थी। वैज्ञानिकों के इस दावे से कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति स्थान को लेकर चल रही बहस में एक नया मोड़ दे दिया है। गौरतलब है कि चीन ने दिसंबर-2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस खतरनाक और नवीन वायरस के फैलने की जानकारी दी थी।
इसका अध्ययन करने के लिए स्पेन के विभिन्न शहरों से जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 के बीच कई सैंपल लिए गए। अलग तारीख में जमा किए फ्रोजन नमूने में कोविड-19 वायरस के लक्षण मौजूद नहीं थे। जिस एक नमूने में वायरस का जीन मिला, वह नमूना 12 मार्च 2019 को लिया गया था। यह अहम है कि इस शोध की अभी तक समीक्षा नहीं की गई है।
जनवरी-2020 को भी मिला संक्रमण स्पेन में कोरोना का पहला मामला फरवरी में आया लेकिन एक अन्य पूर्व अध्ययन का दावा है कि यहां मध्य जनवरी में सीवर के पानी में कोविड वायरस का जीन मिला। स्पेनिश सोसाइटी फॉर पब्लिक हेल्थ एंड सैनिटरी एडमिनिस्ट्रेशन के डॉ.जोन रेमन विल्लिबी के अनुसार ऐसा नहीं हो सकता कि बार्सिलोना के अपशिष्ट जल में कोरोना वायरस सिर्फ एक बार आया हो।
कोविड को इन्फ्लूएंजा समझा
शोधकर्ताओं के अनुसार स्पेन में कोविड संक्रमण फैलने से कुछ महीने पहले ही एक ऐसे लक्षण आए थे जो इन्फ्लूएंजा के नहीं थे पर उन्हें इन्फ्लूएंजा समझा गया था। दरसअल ये कोविड-19 के लक्षण वाले मरीज हो सकते हैं। कई मामलों में इसका फ्लू मानकर इलाज भी किया गया। मवैज्ञानिक के अनुसार इन लक्षणों का सही अनुमान न लगने से ही कोविड संक्रमण तेजी से फैला है।