Coronavirus: फिलिस्तीन का बड़ा कदम, राष्ट्रपति अब्बास ने की आपातकाल 30 दिन बढ़ाने की घोषणा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूरोप में फंसे भारतीयों को मेडिकल सलाह,वीजा एक्सटेंशन की सुविधा और कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छात्र और प्रोफेशनल्स को जानकारी देने जैसी मदद दी जा रही है।
विदेश मंत्रालय उन मंत्रालयों में से एक है, जो कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलते ही सबसे पहले हरकत में आई। विदेश मंत्रालय ने कोविड-19 नाम से एक सेल तैयार किया है। इसमें 24 घंटे करीब 75 अधिकारी काम कर रहे हैं। छोटे-छोटे देशों को भी देखा जा रहा है। इन सबके साथ विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने और उन तक मदद पहुंचाने के प्रयास हो रहे हैं।
लंदन में भारतीय दूतावास हजारों भारतीयों तक मदद पहुंचा रहा है। इनमें भारतीय छात्र, प्रोफेशनल्स और शॉर्ट टर्म वीजा वाले टूरिस्ट शामिल हैं। सबसे बड़ी चुनौती है कि इन्हें रहने की जगह उपलब्ध करवानाने के साथ खाना पहुंचाना, हेल्थ केयर की सुविधा और वीजा एक्सटेंशन जैसी सुविधाएं देना है।
भारतीय दूतावास स्वयंसेवी संस्थाओं, स्टूडेंट बॉडी और कम्यूनिटी सपोर्ट के साथ मिलकर भारतीयों को रहने की जगह और खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है। लोगों को तीन तरह की मदद दी जा रही है। उन्हे टेलीफोनिक कंसलटेशन की सुविधा दी जा रही है, मिशन के पैनल वाले डॉक्टरों की कंसलटेशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके साथ ऐप के जरिए हॉस्पिटल से कंसलटेशन की मदद भी दी जा रही है।
जर्मनी में भारतीय दूतावास चला रहा मिशन जर्मनी के बर्लिन, फ्रैंकफर्ट, हैम्बर्ग और म्यूनिख में ये मिशन चल रहे हैं। जर्मनी में कोरोना वायरस के संक्रमण ने बुरी तरह से कहर बरपा रखा है। यहां संक्रमण के मामले 67 हजार के पार पहुंच चुके हैं। जर्मनी में सभी भारतीयों तक मदद पहुंचाई जा रही हैं। इनमें करीब 22 हजार भारतीय छात्र भी शामिल हैं।