गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पहले ही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर बैन लगा चुकी है। कई रिपोर्ट में ये सामने आया है कि इससे दिल की बीमारियों का खतरा बना रहता है। ट्विटर का कहना है कि ट्रंप जूनियर लोगों तक गलत सूचनाओं का प्रसार कर रहे हैं। यह नियमों का उल्लंघन है। उनके पिता डोनाल्ड ट्रंप कई बार सार्वजनिक सार्वजनिक सभाओं में इस दवा को कोरोना से लड़ने के लिए फायदेमंद बता चुके हैं। जबकि शोध में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
ट्विटर के अनुसार वे सिर्फ ट्वीट करने के लिए बैन रहेंगे, जबकि वे अपने एकाउंट को ब्राउज कर पाएंगे और डायरेक्ट मैसेज की सुविधा भी रहेगी।
ट्रंप लगातार इसकी वकालत करते रहे हैं उधर डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए हॉइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल के समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि मलेरिया की दवा कोविड-19 के इलाज में केवल इसलिए ख़ारिज किया जा रहा है क्योंकि वे इसका समर्थन कर रहे हैं। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘जब मैं कोई चीज़ रिकमेंड करता हूं तो वे इसे ख़ारिज करना पसंद करते हैं.’
ट्रंप ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि 14 दिनों तक इस दवा का सेवन करने के बाद उन्हें को कोई भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा है। उन्हें इसका कोई इड इफेक्ट नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वे केवल अपनी बात रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि जानकारी से पता चलता है कि शुरुआती स्टेज में यह काफी कारगर दवा है।
कोरोना वायरस के इलाज को लेकर सबसे पहले हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को डोनाल्ड ट्रंप ने कारगर बताया था। 74 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप ने इसके बाद मई में कहा था कि वह इस दवा का सेवन लगातार कर रहे हैं। उन्होंने इस दवा से अपना इलाज किया। इसके अलावा ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो बीते दिनों संक्रमित पाए गए थे। उन्होंने भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से ठीक होने का दावा किया था।