यद्यपि इसे अक्सर “इकोनॉमिक्स नोबेल” के रूप में वर्णित किया जाता है, लेकिन आधिकारिक नोबेल पुरस्कार वेबसाइट में इसे नोबल पुरस्कार नहीं कहा जाता। आपको बताते हैं कि यह शेष नोबेल पुरस्कार से अलग क्यों है? “अल्फ्रेड नोबेल की याद में इकोनॉमिक साइंसेज में स्वीडन सेंट्रल बैंक द्वारा इसे 1968 में स्थापित किया गया था। दूसरी ओर अन्य पांच नोबेल पुरस्कार, स्वीडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा से नामित किए गए थे। स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा भौतिकी और रसायन विज्ञान के लिए, करोलिंस्का संस्थान द्वारा चिकित्सा के लिए, स्वीडिश अकादमी द्वारा साहित्य के लिए और नार्वेजियन स्टोर्टिंग (संसद) द्वारा चुनी गई समिति द्वारा शांति के लिए ये पुरस्कार दिए जाते हैं।
नोबेल अकादमी इसे अर्थशास्त्र में पुरस्कार न मानकर इसे आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार कहती है। नोबेल पुरस्कार वेबसाइट के मुताबिक पांच नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल द्वारा दिए गए धन से स्थापित फंड पर आधारित हैं, जबकि आर्थिक विज्ञान के पुरस्कार 1968 में नोबेल फाउंडेशन द्वारा द्वारा प्राप्त दान पर आधारित हैं।
यद्यपि यह नोबल पुरस्कार नहीं है लेकिन यह इस विषय में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार के रूप में पहचाना जाता है। सोमवार को यह पुरस्कार मिलने के साथ ही इस आखिर रहस्य से इस साल पर्दा उठ जाएगा। इस पुरस्कार के 79 विजेताओं में एक भारतीय को अब तक इससे नवाजा जा चुका है।1998 में अमर्त्य सेन को एलिनॉर ओस्ट्रॉम, पॉल क्रुगमैन के साथ दिया गया था। लेकिन साथी लाभार्थियों में सबसे वरिष्ठ होने के चलते यह पुरस्कार परंपरागत रूप से वरिष्ठ अर्थशास्त्री के पास चला गया। इसके अलावा भारतीय उपमहाद्वीप में बांग्लादेश के अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस को भी 2006 में यह पुरस्कार दिया जा चुका है।