अब एक ऐसी ही घटना घटित हुआ है, जिससे वैज्ञानिक हैरान हैं। दरअसल, धरती के बेहद नजदीक से बस के आकार का एक ऐस्टरॉयड गुजर गया और नासा के वैज्ञानिकों को इसकी भनक तक भी नहीं लगी। यह ऐस्टरॉयड धरती से महज 250 मील से भी कम दूरी से होकर गुजरा है।
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जानकारी के अनुसार, 2020VT4 नाम का यह ऐस्टरॉयड दीपावली से एक दिन पहले 13 नवंबर को धरती से 250 मील यानी करीब 400 किमी दूर से गुजर गया और हैरानी की बात ये है कि ऐस्ट्रोनॉमर्स को इसके बारे में पता भी नहीं चला। नासा की ओर से लगाए गए Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System (ATLAS) को इसकी जानकारी करीब 15 घंटे बाद तब मिली जब यह धरती के बेहद करीब से होकर गुजरते हुए बाहर निकल गया।
पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरने वाला ऐस्टरॉयड
खगोलविदों का कहना है कि यह ऐस्टरॉयड ऐसी जगह से आया था, जिसे ‘Blind Spot’ कहते हैं यानी कि यह ऐस्टरॉयड सूरज की दिशा से आया था। खगोलविदों ने कहा कि यह धरती से इतना करीब था कि गुरुत्वाकर्षण ने इसकी कक्षा को बदल दिया।
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दरअसल, यह ऐसी जगह से आया था जिसे यानी यह ऐस्टरॉइड सूरज की दिशा से आया था। ऐस्ट्रोनॉमर्स का कहना है कि यह ऐस्टरॉइड धरती से इतना करीब था कि धरती के गुरुत्वाकर्षण ने इसकी कक्षा को बदल दिया। इसी के साथ यह धरती के सबसे करीब से गुजरने वाला उल्कापिंड भी बना गया है।
ऐस्टरॉयड की चमक के आधार पर खगोलविदों ने अनुमान लगाया है कि इसका आकार 5 से 10 मीटर चौड़ा हो सकता है। वैज्ञानिकों ने संभावना जताया है कि यह उल्कापिंड दक्षिण प्रशांत क्षेत्र के वातावरण में जल गया होगा।