उन्होंने कहा कि विश्व की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus vaccine) का सफलता पूर्वक परीक्षण पूरा कर लिया गया है। रूस के ‘द गैमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी’ द्वारा तैयार की गई वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल 18 जून से शुरू हुआ था।
सेचेनोव विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान के निदेशक अलेक्जेंडर लुकाशेव ने बताया कि इस ट्रायल का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या यह वैक्सिन मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है और इसका परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के सुरक्षित होने की पुष्टि हो चुकी है। यह मौजूदा समय में बाजार में उपलब्ध टीकों के समान सुरक्षित है।
लुकाशेव के अनुसार वैक्सीन विकास योजना पर शुरू से ही इसके प्रोडक्शन को लेकर रणनीति बनाई जा रही है। इसमें वायरस के साथ महामारी विज्ञान की स्थिति और बड़े स्तर पर उत्पादन करने की संभावना है। तारासोव के अनुसार महामारी की मार से विश्व को बचाने के लिए विश्वविद्यालय ने न केवल एक शैक्षणिक संस्थान बल्कि एक वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान केंद्र के रूप में काम किया है।
कोरोना के एक दिन में रिकॉर्ड 6615 मामले रूस में बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड 19) संक्रमण के एक दिन में रिकॉर्ड 6615 मामले सामने आए हैं। रूस के कोरोना वायरस रिस्पांस सेंटर के अनुसार नए मामले 83 क्षेत्रों से आए हैं। इनमें 1491 मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं हैं। इन मामलों के साथ देश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 7,27,162 हो चुकी है। दुनिया भर में कोरोना की महामारी से प्रभावित देशों की सूची में रूस चौथे पायदान पर है। यहां इस बीमारी से 11,188 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी सेचनोव यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासिटोलॉजी, ट्रॉपिकल एंड वेक्टर-बॉर्न डिजीज के निदेशक अलेक्जेंडर लुकाशेव का कहना है कि इस पूरे अध्ययन का उद्देश्य मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन को सफलतापूर्वक तैयार करना था। लुकाशेव ने स्पुतनिक को बताया कि सुरक्षा के लिहाज से वैक्सीन के सभी पहलुओं को चेक कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के सुरक्षा के लिए यह जल्द बाजार में उपलब्ध होगी।