सैन्य ताकत को घटाने के इदलिब संधि हुई बता दें कि कुछ दिन पहले ही तुर्की और रूस के बीच सीरिया में सैन्य ताकत को घटाने के लिए इदलिब संधि हुई है। संधि के अनुसार कट्टर आंदोलनकारियों का क्षेत्र में प्रभाव कम करने पर सहमति बनी है। नसरुल्ला ने इस संधि पर कहा कि यह सच है कि सात साल से चल रहे खूनी संघर्ष को खत्म करने के दिशा में एक राजनीतिक समाधान हुआ है। हमारे यहां से जाने का फैसला इस पर निर्भर करेगा कि इस संधि के परिणाम कितने सकारात्मक हैं।
विद्रोहियों का सफाया करने में जुटा हिज्बुल्ला संगठन सीरिया में ने शुरूआत से ही सरकार के साथ मिलकर विद्रोहियों का सफाया करने में जुटा हुआ है। कहा जाता है कि विद्रोहियों के सफाए में वह आम जनता पर केमिकल अटैक करने से भी नहीं चूक रहा है। हिज्बुल्ला की इस हरकत का अमरीका हमेशा से विरोध करता रहा है। गौरतलब है कि अमरीका का मानना है कि हिज्बुल्ला आतंक को पनाह देने वाला संगठन है और वह पूरी दुनिया में तबाही ला सकता है। हिज्बुला के पांव सीरिया के साथ पाकिस्तान में भी पसरे हुए हैं। उसे ईरान से काफी समर्थन मिलता रहता है।