कपड़े, दाढ़ी, शारीरिक बनावट एक जैसी
खशोगी के कपडे़ जिसे पहनाए गए थे वह बिल्कुल पत्रकार की तरह दिखता है। चश्मे और दाढ़ी भी खशोगी जैसी ही थी। उम्र और शरीर देख कोई नहीं कह सकता कि यह खशोगी नहीं हैं,पर जूते ने अंतर को साफ कर दिया। सवाल उठने लगे कि अगर यह पत्रकार खशोगी हैं तो उन्होंने जूते क्यों बदले? अगर यह खशोगी नहीं हैं तो उनके कपड़े पहनकर दूतावास के बाहर आनेवाला यह शख्स कौन है?
नकली शख्स की हुई पहचान नकली शख्स की पहचान मुस्तफा-अल-मदनी के तौर पर हुई। आरोप है कि वह सऊदी की जांच टीम का हिस्सा था,जिसे खशोगी को मारने के लिए दूतावास में भेजा गया था। मदनी की उम्र 57 साल की है। पहले जब मुस्तफा दूतावास के अंदर गया था, उसकी दाढ़ी नहीं थी। वह दूसरे कपड़े पहने हुए था। उसने स्पोर्ट शू पहन रखे थे लेकिन मुस्तफा ने एक चूक कर दी। उसने खशोगी के कपड़े तो पहन लिए और दाढ़ी भी रख ली, पर उसने जूते नहीं बदले। वह जो स्पोर्ट शू पहनकर अंदर गया था,उन्हीं में वापस निकला।
खशोगी फॉर्मल काले रंग के जूते पहनकर अंदर गए थे। इस फुटेज ने खशोगी मर्डर में तुर्की के जांचकर्ताओं को अहम सबूत दिए हैं। गौरतलब है कि खशोगी बीते दो अक्टूबर से लापता थे। उन्हें सीसीटीवी फुटेज में इस्तांबुल के दूतावास जाते देखा गया था। करीब दो हफ्ते के बाद पुष्टि हुई कि उनकी हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि करीब 15 एजेंटों ने मिलकर उनकी हत्या कर दी। बाद में उनके शव को टुकड़े- टुकड़े कर जला दिए गए।