बिलाल को करीब दो वर्षों तक भारत में एक जुवेनाइल होम में रहने के बाद अटारी वाघा सीमा पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया गया, इसके बाद वह वाघा बॉर्डर के रास्ते अपने वतन लौट गया।
अपनी सुरक्षित वापसी के लिए उसने भारतीय अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। बिलाल ने स्वदेश लौटने से पहले मीडिया से कहा कि वह अपने परिवार से मिलने को लेकर उत्साहित है,जिसमें उसके भाई, बहन और मां शामिल हैं।
फरवरी 2018 में अनजाने में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद उसे पंजाब के होशियारपुर शहर स्थित एक किशोर गृह में अपने दिन बिताने पड़े। बिलाल को अमृतसर से लगभग 30 किमी। दूर भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा संयुक्त चेक पोस्ट पर पाकिस्तान रेंजर्स को सौंप दिया गया।