अदालती दस्तावेजों के मुताबिक पिछले साल सितंबर में सिंह को रिश्वत लेने की साजिश करने,पहचान में धोखाधड़ी और आनलाइन धोखाधड़ी मामले में कंप्यूटर तक अनधिकृत पहुंच में दो साल कैद की सजा सुनाई गई थी। उसे इस साल जनवरी से शुरू हो रही सजा के लिए आत्मसमर्पण करने को कहा गया था।
हालांकि सिंह ने आत्मसमर्पण करने की बजाए हिरासत से बाहर रहने की कोशिश की। उसने फोन उठाने बंद कर दिए और खुद को छिपाने के लिए किराए की कार चलाने लगा। इस साल मार्च में अंतत: गिरफ्तार किए जाने के बाद सिंह ने हिरासत से बचने के लिए अधिकारियों से अपनी पहचान के बारे में झूठ बोला।