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इनके लिए नोबेल प्राइज की कोई अहमियत नहीं, जानिए दुनिया के प्रतिष्ठित पुरस्कार से जुड़े विवाद

ये सम्मान अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है।

Oct 07, 2018 / 01:31 pm

Shweta Singh

Know all about nobel prize 2 times winners declined to recieve award

इनके लिए नोबेल प्राइज की कोई अहमियत नहीं, जानिए दुनिया के प्रतिष्ठित पुरस्कार से जुड़े विवाद

स्टॉकहोम। दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान नोबेल पुरस्कार देने की शुरुआत 19वीं शताब्दी में हुई थी। ये सम्मान अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है। दरअसल अल्फ्रेड ने 27 नवंबर 1895 को अपनी आखिरी इच्छा और वसीयतनामा पर हस्ताक्षर किए थे। उसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, फिजियोलॉजी या मेडिसिन, साहित्य और शांति – में नोबेल पुरस्कारों की श्रृंखला के लिए अपनी संपत्ति का सबसे बड़ा हिस्सा दिया था। हालांकि इकोनॉमिक्स में नोबेल सम्मान की शुरुआत 1968 में हुई। स्वीडन के केंद्रीय बैंक,सेवरिग्स रिक्स्बैंक ने अल्फ्रेड नोबेल की याद में इकोनॉमिक साइंसेज में द सेवरिज रिक्स्बैंक पुरस्कार की स्थापना की। अबतक साल 2018 के भौतिकी, रसायन विज्ञान,मेडिसिन और शांति के क्षेत्र में नोबेल विजेताओं के नामों का ऐलान कर दिया गया है। सोमवार को इकोनॉमिक्स के विजेता के नाम का ऐलान किया जाएगा।

अबतक 49 महिलाओं को मिल चुका है नोबेल पुरस्कार

साल 1901 से 2017 तक 585 नोबेल पुरस्कार दिए जा चुके हैं। इसमें 49 महिला पुरस्कार विजेता भी शामिल हैं। बता दें कि नोबेल पुरस्कार सिर्फ जीवित लोगों को ही दिया जाता है। लेकिन तीन वैज्ञानिक ऐसे हैं जिन्हें मरणोपरांत पुरस्कार दिया गया है।

जब नोबेल विजेताओं ने किया पुरस्कार लेने से इनकार

नोबेल पुरस्कार के इतिहास में दो मौके ऐसे भी आए जब इस प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले विजेताओं ने इसे लेने से इनकार कर दिया। साल 1964 में साहित्य क्षेत्र में ये सम्मान पाने वाले जे. पॉल ने नोबेल लेने से इनकार कर दिया। दरअसल वे उस वक्त उनको मिलने वाले इस तरह के सभी अधिकारिक सम्मान लेने से मना कर चुके थे।
वहीं साल 1973 में अमरीकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर को ली डुक थो के साथ संयुक्त रूप से शांति के लिए नोबेल का ऐलान किया गया था लेकिन ली डुक थो ने वियतनाम की स्थिति का हवाला देते हुए ये अवार्ड लेने से मना कर दिया। बता दें कि उन दोनों को वियतनाम शांति समझौते पर बातचीत के लिए ही पुरस्कारित किया जाना था।

दबाव में छोड़ना पड़ा था नोबेल पुरस्कार

इसके अलावा ऐसे मामले भी सामने आए जहां नोबेल विजेताओं पर ये सम्मान लेने से इनकार करने के लिए दबाव बनाए गए। सबसे पहला मामला जर्मनी का है। एडोल्फ हिटलर ने तीन जर्मन विजेताओं (रिचर्ड कुह्न, एडोल्फ बी और गेरहार्ड डोमागक) को सम्मान न लेने के लिए दबाव बनाया। हालांकि इन तीनों को बाद में नोबेल का सर्टीफिकेट और मेडल तो दे दिया गया, लेकिन उन्हें इनाम की राशि नहीं मिल पाई। इसके अलाव साहित्य में 1958 का नोबेल पाने वाले विजेता बोरिस पास्तेरनाक पर भी सोवियत संघ ने पुरस्कार से इनकार का दबाव बनाया था। बता दें कि वे पहले ही नोबेल स्वीकार कर चुके थे।

अवार्ड मिलने के समय गिरफ्तार थे ये विजेता

तीन ऐसे भी विजेता हैं जो पुरस्कार मिलने के समय गिरफ्तार थे। बता दें कि ये सभी नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता थे। इनमें जर्मन शांतिवादी और पत्रकार कार्ल वॉन, बर्मा की राजनेता आंग सान सू की और चीनी मानवाधिकार कार्यकर्ता लियू जियाओबो का नाम शामिल है।

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