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नई दिल्ली

ये कैसा आदर्श रेलवे स्टेशन: यूरिनल तक नहीं

जालोर रेलवे स्टेशन पर एकमात्र शौचालय भी कर दिया बंद, पूरे प्लेटफार्म पर एक भी मूत्रालय की नहीं व्यवस्था

नई दिल्लीSep 10, 2016 / 01:18 pm

pradeep beedawat

जालोर. केंद्र सरकार की ओर से स्वच्छता पर खास फोकस किया जा रहा है। सरकार के निर्देश पर अधिकारी ग्रामीणों स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरुक कर रहे हैं।साथ ही हर घर में शौचालय का निर्माण भी करवाया जा रहा है, लेकिन इन सभी दावों के बीच एक हकीकत यह भी है कि जालोर जैसे आदर्श स्टेशन पर फिलहाल टॉयलेट की सुविधा मुहैया तक नहीं है।
जालोर रेलवे स्टेशन को आदर्श स्टेशन घोषित हुए चार साल बीत गए है, लेकिन इस स्टेशन पर सुविधाओं के नाम प्रसाधन की व्यवस्था तक नहीं है। करीब 6 00 मीटर लंबे और विशाल स्टेशन पर मात्र एक टॉयलेट है, लेकिन उसमें ब्लॉकेज आने के बाद इसे बंद कर दिया गया है। ऐसे में रेलवे स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों की दिक्कतें बढ़ गई है। क्योंकि पूरे स्टेशन पर इस टॉयलेट के अलाव एक भी यूरिनल तक नहीं है। इस स्थिति में यात्रियों को लेने वाले और छोडऩे वाले यात्रियों को खासी परेशानी होती है। जबकि आदर्श स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।
2012 में घोषित हुआ था आदर्श स्टेशन
रेल बजट 2012 में तत्कालीन रेल मंत्री ने देशभर में कई आदर्श स्टेशन घोषित किए थे, जिसमें जालोर भी शामिल था। घोषणा हुई तो जिलेवासियों को आस थी कि इस स्टेशन पर सुविधाओं का विस्तार होगा और इसका रूप निखरेगा, लेकिन इसके विपरीत रेलवे कॉमर्शियल डिपार्टमेंट की टीम ने यहां सर्वे किया और सभी सुविधाएं माकूल बताते हुए रेलवे हैडक् वार्टर को रिपोर्ट पेश कर दी, जिससे इस स्टेशन के रूप में कोई बदलाव तक नहीं हो पाया। जबकि आदर्श स्टेशन में एटीएम, बेहतर सफाई व्यवस्था, छाया के पर्याप्त संसाधन, कैटरिंग अनिवार्य है।
यह थी घोषणा
समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड में जालोर गुजराज राज्य से पहले एक मात्र बड़ा स्टेशन और जिला मुख्यालय है।साथ ही वर्ष 2012 में यह आदर्श स्टेशन घोषित हो चुका है। जिसके अनुसार यहां जरुरत की सभी सुविधाएं विस्तारित की जानी है।
यह है हकीकत
223.44 किलोमीटर लंबे रेल खंड में राजस्थान का अंतिम जिला होने के बाद भी यहां सुविधा के नाम पर कुछखास नहीं है। एक टॉयलेट है उस पर ताला है। जबकि इतने बड़े स्टेशन पर यूरिनल और प्रसाधन की और आवश्यकता है।
सबसे अधिक महिलाओं को दिक्कत
जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन पर टॉयलेट में करीब दो माह से ब्लॉकेज है। जिसको लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। इधर, इस स्थिति में सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं को हो रही है।
समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड से लंबी दूरी की टे्रनें बीकानेर-दादर, जोधपुर-गांधीधाम, बाड़मेर-यशवंतपुर, भगत की कोठी-अहमदाबाद के अलावा दो लोकल टे्रनें भी चलती है। ऐसे में रेलवे स्टेशन पर लोगों की आवाजाही अधिक रहती है। सुविधाओं के अभाव में दिक्कतें बढ़ जाती है।
शिकायत के बाद भी समाधान नहीं
सूत्रों के अनुसार जालोर रेलवे स्टेशन की इस स्थिति को लेकर स्थानीय स्टाफ रेलवे के अधिकारियों को अवगत करवा चुके है। जिसमें बताया जा चुका है कि फिलहाल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए एक भी टॉयलेट या यूरिनल स्टेशन पर मौजूद नहीं है।इस शिकायत को अभी तक अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया है। जिसके कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सुधार करेंगे
रेलवे स्टेशन के टॉयलेट में ब्लॉकेज है तो उसे ठीक करवा दिया जाएगा। स्टेशन पर यूरिनल की आवश्यकता है तो रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजेंगे।
– प्रवीण यादव, एईएन, रेलवे, समदड़ी

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