राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार- सिफारशों के तहत 2008 से 2014 के बीच पत्थरबाजी के लिए युवाओं पर दर्ज केसों की समीक्षा का काम शुरु हुआ था। तब अपने पहले फैसले में सरकार ने 634 युवाओं पर लगे 104 मुकदमों को वापस लिया था। अब सीएम के आदेश के बाद 4,327 युवाओं पर लगाए गए कुल 744 मुकदमों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।
राज्य की मुख्यमंत्री
महबूबा मुफ्ती ने ये निर्देश जारी करते हुए कहा कि इससे घाटी के युवाओं को अपने अच्छे भविष्य के लिए नया मौका मिलेगा और वे नए माहौल में अपने जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकेंगे। उन्होंने आशा जताई कि इससे घाटी के माहौल में भी सकारात्मक परिवर्तन का माहौल बनेगा।
महबूबा के इस बादेश को नागरिकों में असंतोषष कम करने के इरादे के रूप में देखा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार कमेटी को सौंपी गई रिपोर्ट में केस वापस लेने की सिफारिश की गई थी।
इससे पहले कठुआ के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में 947 नवआरक्षकों की पासिंग आउट परेड के दौरान महबूबा ने कहा कि आतंकियों को मार गिराने से ही आतंकवाद समाप्त नहीं होगा। इसके लिए अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।