इसलिए पड़ी जरूरत
पहले से प्रयोग हो रहे रूसी टॉयलेट में महिला एस्ट्रोनॉट्स ASTRONAUT को दिक्कतें आ रही थीं। इसलिए नासा ने करीब छह साल रिसर्च कर इस खास डिजाइन का टॉयलेट बनाया, जिसे महिला को प्रयोग करना आसान होगा।
जानें खूबियां
वजन-आकार : टॉयलेट की ऊंचाई 71 सेंटीमीटर और वजन करीब 45 किलोग्राम है। जो पहले के रूसी टॉयलेट से 65 प्रतिशत छोटा और 40 प्रतिशत हल्का है।
कितना समय लगा
नासा NASA को इस टॉयलेट को बनाने में करीब 6 साल का समय लगा।
बैठने की सुविधा अच्छी
मल के साथ यूरिन ट्रीटमेंट की भी सुविधा, टॉयलेट में बैठते वक्त यात्रियों को पैर फंसाने की सुविधा।
मून मिशन में प्रयोग
स्पेस ( SPACE MISSION ) स्टेशन के बाद रॉकेट या स्पेसक्राफ्ट ( SPACECRAFT ) में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस टॉयलेट का प्रयोग नासा के चांद पर जाने वाले ‘ओरियन कैप्सूल’ (ORION CAPSULE ) में भी किया जा सकता है।