गौरतलब है कि कैप्सूल किसी भी अंतरिक्ष यान में रॉकेट से इतर वह हिस्सा होता है, जहां पर अंतरिक्ष यात्री बैठ सकते हैं। यह कैप्सूल नासा की उस योजना का हिस्सा था जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में ले जाना था। पृथ्वी से छोड़े जाने के मात्र 48 घंटे के भीतर इसे न्यू मेक्सिको में पैराशूट और एयरबैगों के माध्यम से सॉफ्ट लैंडिंग करनी होगी।
बोइंग द्वारा निर्मित यह कैप्सूल अंतरिक्ष यात्रियों का परिवहन संभालने के लिए निजी कंपनी को सौंपने की नासा की रणनीति का हिस्सा था। माना जा रहा है कि द स्टारलाइनर कैप्सूल के इंजन से बहुत अधिक ईंधन खर्च हो रहा था। इस कारण मिशन अधूरा ही रह सकता था।
समय को लेकर हुई गड़बड़ी नासा के प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टाइन के अनुसार कैप्सूल के साथ समय को लेकर गड़बड़ी हुई। इस कारण वह मिशन से भटक गया और गलत इंजन को चलाने की कोशिश करने लगा। मिशन को पूरा करने के लिए ईंधन की कमी भी आ सकती थी, जिससे बचाव बहुत मुश्किल हो जाता।
कैप्सूल में कोई होता तो ऐसा नहीं होता भविष्य में स्टारलाइनर कैप्सूल में सवार होकर अंतरिक्ष में जाने के लिए चुने जा चुके नासा के अंतरिक्ष यात्री माइक फिंक के अनुसार यदि वह उस कैप्सूल में होते तो शायद उड़ान नियंत्रण दल को हालातों से निपटने के लिए कुछ विकल्प सुझा पाते। लेकिन इसके लिए कुछ विशेषज्ञों का कैप्सूल में होना जरूरी था।