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शोध में मिले प्रमाण, खराब जीवन शैली के कारण लोग कोरोना संक्रमण के हो रहे शिकार

ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार धूम्रपान, मोटापा और हाईपरटेंशन की तुलना में शारीरिक तौर पर निष्क्रिय होना सबसे ज्यादा खतरनाक

नई दिल्लीApr 24, 2021 / 06:05 pm

Mohit Saxena

Coronavirus Second Wave killed 269 Doctors

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं। इसके साथ ऑक्सीजन की कमी के चलते लोगों की मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अभी तक ये माना जा रहा था कि कोरोना वायरस का उन इंसानों पर अधिक असर होता जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। मगर हाल ही में एक अध्ययन में ये सामने आया है कि खराब जीवनशैली के साथ जीने वाले लोग सबसे अधिक इसकी चपेट में आ रहे हैं।
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ब्रिटेन में हुए एक शोध में पाया गया कि महामारी आने से पहले कम से कम दो साल तक निष्क्रिय लोग के अस्पताल भर्ती होने और मौत की आशंकाएं अधिक हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार धूम्रपान, मोटापा और हाईपरटेंशन की तुलना में शारीरिक तौर पर निष्क्रिय होना सबसे ज्यादा बड़ा जोखिम माना गया है।
अभी तक कोरोना वायरस जैसे गंभीर संक्रमण का कारण बढ़ती उम्र, डायबिटीज, मोटापा या कार्डिवैस्क्युलर बीमारी थी। मगर अब निष्क्रिय जीवनशैली भी इस सूची में शामिल है। इस बात का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने अमरीका में 48 हजार 440 कोविड संक्रमित व्यस्कों पर शोध किया। ये शोध जनवरी से अक्टूबर 2020 के बीच किया गया।
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इस दौरान मरीज की औसत उम्र 47 थी। वहीं पांच में से तीन मरीज महिलाएं थीं। शोध में शामिल करीब आधे मरीजों को डायबिटीज क्रोनिक लंग कंडीशन दिल या किडनी की कोई बीमारी नहीं थी। करीब 20 फीसदी मरीजों को इनमें से एक बीमारी थी। जबकि 30 प्रतिशत से अधिक मरीजों को दो या उससे ज्यादा बीमारियां थीं।

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