पिछले कई सालों से कई ऐसे आइलैंड सामने आए हैं जिन्होंने नई जनजातियों और प्रजातियों को प्रकाश में लाया। आज ऐसी सैकड़ों प्रजातियाँ ऐसी हैं जिनके रहन-सहन और संस्कृति की चर्चा की जाती है। इनमें से कई प्रजातियाँ इतनी खूंखार हैं जो अपने आइलैंड में किसी बाहरी दुनिया के इंसान का प्रवेश बर्दास्त ही नहीं कर पातीं। ऐसे में अगर कोई इंसान भूल कर भी यहां पहुँच जाता है तो उसका वहां से जिंदा बच निकलना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
आज अहम आपको एक ऐसे ही आइलैंड के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम नॉर्थ सेंटीनेल आइलैंड है। यह आइलैंड भारत और थाईलैंड के बीच बसा हुआ है, इस आइलैंड में बसी जनजाति किसी अनजान और बाहरी शख्स को देखना तक नहीं चाहती।
कहा जाता है कि अगर भूलवश कोई यहां आ भी जाए तो वो जिंदा वापस नहीं लौट सकता। दरअसल, एक बार जब नेशनल जियोग्राफिक की एक टीम इस प्रजाति के बारे में रिसर्च करने के लिए इस आइलैंड पर पहुंची थी तब उनका जो हाल किया गया था, वो रूह कंपा देने वाला था। नेशनल जियोग्राफिक टीम के पहुंचते ही इस जनजाति के लोगों ने उन पर तीरों की बारिश कर दी थी उन्हें जान बचाना मुश्किल हो गया था। कुछ लोग तो वहां से जान बचा निकल आए लेकिन दो लोकल गाइड इस हमले में मारे गए थे।
अभी तक इस जनजाति के बारे में कुछ खास पता नहीं चल सका है लेकिन सबसे पहले यह जनजाति सन् 1960 में प्रकाश में आई थी। इनका प्रमुख भोजन नारियल और जंगली जानवर हैं।
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