ऐसे होगा यह कमाल
बैठक के दौरान एक्सपर्ट ने कहा कि टेक्नॉलजी को लेकर आए बूम में हॉस्पिटल्स का रोल केवल इमरजेंसी सेवाओं तक ही सिमट कर रह जाएगा। बैठक को संबोधित करते हुए माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने कहा कि आने वाले दिनों में डेटा से लैस मेडिकल साइंस बीमारी के त्वरित निदान में बड़े-बड़े दिग्ग्जों को पछाड़ देगी और ऐसा संभव होगा कृत्रिम ज्ञान की प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ। उन्होंने कहा कि यहां तक कि हॉस्पिटल्स का मैनेजमेंट भी डिजिटल प्रौद्योगिकी पर आधारित हो जाएगा। इसका परिणाम यह होगा कि मेडिकल रिकार्ड तुरंत के तुरंत उपलब्ध कराया जा सकेगा। बैठक के बाद जारी की गई प्रेस नोट के माध्यम से बताया गया कि टेक्नोलॉजी और दवाइयों के इस्तेमाल से वैश्विक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पर पड़ रहा है। जबकि आने वाले कुछ ही दशकों में लोग 100—150 से अधिक सालों तक जिंदा रह सकेंगे। वहीं भारत को वैश्विक निवेश के गंतव्य के रूप में पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां दुनिया को बढ़ते संरक्षणवाद के खिलाफ चेताया और कहा कि टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाएं बढ़ रही हैं, जो वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और ‘आत्मकेंद्रित’ होना दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं।