आल पाकिस्तान यूनिवर्सिटी एकेडमिक एसोसिएशन (एपीयूएए) के अध्यक्ष डॉ. सोहैल यूसुफ ने मीडिया को बताया कि देश का शिक्षा क्षेत्र सरकार द्वारा शिक्षा फंड में कटौती की मार झेल रहा है। खस्ता हाल विश्वविद्यालयों के लिए अधिक धन की जरूरत थी। बीते साल की तुलना में इस साल सरकार ने बजट और कम कर दिया है।
उच्च शिक्षा आयोग के समाज विज्ञान प्रोजेक्ट मैनेजर मुर्तजा नूर के अनुसार कई बार के आग्रह के बाद भी सरकार से कोई मदद नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सरकारी विश्वविद्यालयों की हालत जिस खराब हालत से गुजर रही है, वह इतनी बुरी कभी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि देश में 206 विश्वविद्यालय हैं। इनमें से 104 सरकारी हैं। इन्हें सहज चलाए रखने के लिए फंड की आवश्यता होती है। उन्होंने कहा कि सरकार से शिक्षकों-स्टाफ के वेतन, शोध व प्रयोगशालाओं के लिए 103 अरब रुपये मांगे गए थे लेकिन सरकार ने केवल 59 अरब दिए गए। विश्वविद्यालयों के परिसरों के विकास व आधारभूत ढांच के लिए 55 अरब रुपये मांगे गई थी। मगर सरकार ने इस मद में केवल 22 अरब रुपये दिए।