बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान इमरान की दूसरी पत्नी की लिखी आत्मकथा ‘रेहम खान’ कहानी लीक हो गई। पुस्तक लीक होने के बाद चुनाव प्रचार के दौरान पाक मीडिया ने चटखारे लगाकर इमरान को बदनाम किया। लेकिन इमरान ने सभी आरोपों को विरोधी का षडयंत्र करार दिया। उन्होंने इसे छवि खराब करने वाला बताया।
इस बात को पाक के अवाम ने भी इमरान के खिलाफ सियासी षडयंत्र माना। लोगों ने अपने लोकप्रिय और चहेते क्रिकेटर को निजी जिंदगी के मामलों के अच्छी बुरी बातों पर ध्यान न देकर सर आंखों पर बैठा लिया। यानी इस पुस्तक से इमरान को विक्टिमाइज्ड होने का लाभ मिला। यही कारण है कि रेहम की आत्मकथा पाकिस्तान में नए सिरे से डिबेट का विषय बन गया है। आपको बता दें कि रेहम ने इस तरह के आरोप चुनाव के दौरान पाकिस्तान के चहेते क्रिकेटर पर लगाए थे।
रेहम खान ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि इमरान का शादी से पहले मैंने एक इंटरव्यू किया था। 2012 में उनसे दिल्ली में इंटरव्यू के दौरान गैंग रेप की शिकार हुई 23 साल की लड़की के बारे में बात करना चाहती थी। लेकिन उनकी दिलचस्पी मेरा फोन नंबर क्या है और लंदन में मैं कहां रहती हूं, यह जानने में ज्यादा थी। गैंग रेप पर उनकी राय थी कि यह बॉलिवुड फिल्मों में लड़कियों को कम कपड़ों में दिखाने का नतीजा भर है।
पुस्तक रेहम खान में इस बात का भी जिक्र है कि भारत और पाकिस्तान के लोग जिन्हें वोट देते हैं, उनसे ज्यादा जवाबदेही की मांग नहीं करते। इसके बावजूद लोग सोचते हैं कि इमरान एक क्रिकेटर, राजनेता और ईमानदार आदमी हैं। कुछ समय पहले तक मै भी यही सोचा करती थी। लेकिन राजनीति में उनकी ईमानदारी का कोई रेकॉर्ड नहीं है और वो एक नंबर के फरेबी हैं। इमरान नशे में इतना धुत्त होते हैं कि अगर वो रात में परमाणु गिराने का आदेश दे दें तो सुबह इस बात से मुकर सकते हैं कि उन्होंने इस तरह का कोई आदेश दिया था।