जम्मू कश्मीर नेशनल अवामी पार्टी के अध्यक्ष सजद राजा ने कहा, “हम सभी 22 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर के ऊपर हुए पाकिस्तानी आक्रमण के विरोध में यहां इकट्ठे हुए हैं । हम पाकिस्तान के खिलाफ विरोध कर रहे हैं क्योंकि हमें लगता है कि वह दिन है जिसने हमारे राज्य का विभाजन किया। यह एक ऐसा दिन है जब कश्मीर की आत्मा को कुचलने की कोशिश की गई थी। यह पाकिस्तान की वह साजिश है जो अभी भी जारी है।सजद राजा ने कहा कि, “हम दुनिया को एक संदेश देना चाहते हैं कि इस तरह की पाकिस्तानी गतिविधि और इस प्रकार की क्रूरता स्वीकार्य नहीं है। हम पाकिस्तानियों से कहना चाहते हैं कि आओ, हम कभी भी हार नहीं मानेंगे। हम मानते हैं कि यह एक पाकिस्तानी साजिश थी जिसके परिणामस्वरूप कश्मीर में भारतीय हस्तक्षेप हुआ। इसके परिणामस्वरूप कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच बंट गया था।
प्रदर्शनकारियों ने “इज आज़ाद कश्मीर रियली आजाद”, “एबोलिश एक्ट 74 एंड जीबी ऑर्डर 2018”, और “पाकिस्तानी कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में बुनियादी मानवाधिकारों और सामाजिक अधिकारों को पुनर्स्थापित करें” जैसे बैनर लहराए। उन्होंने पीओके क्षेत्र छोड़ने के लिए पाकिस्तानी समर्थित आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (जेएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन का आह्वान किया। जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय अवामी पार्टी के सचिव रिजवान सिद्दीकी ने कहा, “हम मानते हैं, अगर 22 अक्टूबर को पाकिस्तान द्वारा यह साहस नहीं किया गया था तो हमारा राज्य स्वतंत्र रहता। कश्मीर में खून बह रहा है और यह पाकिस्तान द्वारा की गई एक सोची समझी गलती का परिणाम है।
प्रदर्शनकारियों ने आशंका जताई कि इस्लामाबाद, गिलगिट बाल्टिस्तान को अपना 5 वां प्रांत बनाने के लिए चीन के साथ बहु अरब डॉलर चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के लिए रास्ता खोलने की योजना बना रहा है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ‘हम पाकिस्तान की घृणास्पद योजनाओं का पर्दाफाश करना जारी रखेंगे। हमें आशंका है कि पाकिस्तान गिलगिट बाल्टिस्तान पर बड़ा फैसला लेने की योजना बना रहा है लेकिन हम इसे कभी भी ऐसा करने की इजाजत नहीं देंगे। क्योंकि कश्मीर पाकिस्तान की जागीर नहीं है।’ लोगों ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान द्वारा भेजे गए आदिवासी आक्रमणकारियों ने 22 अक्टूबर को कश्मीरी मुसलमानों और फिर हिंदुओं और सिखों को मार दिया।
पीओके से आये इन कार्यकर्ताओं ने कहा कि पीओके में स्वच्छ पेयजल नहीं है, बच्चे या बूढ़े सुरक्षित नहीं हैं। कश्मीर पर अपने संदिग्ध स्टैंड के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए लोगों ने कहा कि अगर पीओके पाकिस्तान का हिस्सा है तो फिर उसके पास सभी सुविधाएं क्यों नहीं हैं और हम सभी को निर्वासन में रहने की लिए क्यों रहने के लिए मजबूर किया गया है? प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और जिहादियों को प्रायोजित करने का भी आरोप लगाया।