लश्कर-ए-तैयबा के लीडर लखवी के अलावा पाकिस्तानी परमाणु इंजीनियर महमूद सुल्तान बशीरुद्दीन को भी ‘बुनियादी खर्च’ की अपील मान ली गई है। यूएनएससी समिति के सदस्य आमतौर पर बुनियादी खर्च से जुड़े अनुरोधों को अस्वीकार नहीं करते, पाकिस्तान ने इसका फायदा उठाया है। 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में लखवी का हाथ सामने आने पर यूएनएससी ने इसे प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में डाला था। इसके बाद लखवी की संपत्ति और बैंक खाते सीज कर दिए गए थे। लखवी, 2015 से जमानत पर खुला घूम रहा है।
उधर, पाकिस्तान में रह रहा बशीरुद्दीन, अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन से मुलाकात के बाद जांच के घेरे में आया था। शरीफ सरकार के दौर में इसे ‘सितारा-ए-इम्तियाज’ नागरिक सम्मान तक से नवाजा जा चुका है।
विपक्ष की रैलियों ने उड़ाए इमरान के होश
पाकिस्तान में 11 दलों के विपक्षी गठबंधन पीडीएम की 13 दिसंबर की रैली टालने के लिए इमरान खान सरकार ने नया पैंतरा चला है। सरकार की ओर से चेतावनी जारी कर कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान देश के किसी भी हिस्से में आतंकी गतिविधि को अंजाम दे सकता है। इससे पहले इमरान ने कोरोना का हवाला देते हुए विपक्षी दलों से रैली स्थगित करने को भी कहा था