नई दिल्ली। पुलिस का काम है अपराधियों से लोगों की रक्षा करना,लेकिन वही पुलिस इंसान की जान पर बन आए तो? आज हम आपको एक ऐसी जगह की पुलिस फोर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानने के बाद इंसान की रूह कांप जाती है।
हम यहां बात कर रहे हैं केन्या के ही एक शहर नायरोबी के बारे में जहां एक स्लम इलाका है जिसका नाम है मथारे, यहां लोग पुलिस के नाम से खौफ खाते हैं क्योंकि यहां पुलिस बड़ी ही बेरहमी से बेकसूर लोगों को मौत के घाट उतारती है।
अब आप इस घटना को ही देख लीजिए, जहां 19 वर्षीय एलेक्स को यहां की पुलिस ने गोलियों से भून डाला। ये घटना घटी 18 नवंबर, 2017 को सुबह करीब 10.30 बजे। इस बारे में एलेक्स की मां सारा वांगरी ने कहा कि पुलिस ने 10 गोलियों से एलेक्स के शरीर पर प्रहार किया। एलेक्स की मां सहित उसके पड़ोसियों ने भी कहा कि एलेक्स अपने एक दोस्त के साथ घर लौट रहा था और तभी पुलिस वालों ने उसे मौत के घाट उतार डाला।
एलेक्स की मां वांगरी ने कहा कि वो उस वक्त दूध लाने गई थी और आकर उन्होंने देखा कि उनका बेटा पड़ा हुआ है। वहां उपस्थित 6 पुलिसवालों ने एलेक्स की मां से कहा कि वो अपने बेटे के शव को लेकर जाएं। अगले दिन सुबह जब वांगरी मुर्दाघर गई तो उसे अपने बेटे के शव के बदले पैसों की मांग की गई। वांगरी जानती थी कि एलेक्स की हत्या राशिद नाम के एक पुलिस अधिकारी ने किया है। वांगरी का कहना था कि उसने खुद अपनी आंखों से राशिद को कई लोगों की हत्या करते हुए देखा है। हालांकि कोई ये नहीं जानता है कि राशिद कहां रहता है? कहां से आता है? कब आता है? वो हमेशा सादी वर्दी में ही रहता है।
साल 2013 से 2015 के बीच मथारे में करीब ढ़ाई लाख लोगों को यहां की पुलिस ने मार डाला लेकिन बात अगर रिकॉर्ड की हो तो इनकी गिनती मात्र 803 ही मिलेगी। आंकड़ो में भी फर्जी यहां आपको साफ तौर से देखने को मिलेगी।
दरअसल यहां पुलिस जब किसी व्यक्ति का एनकांउटर करती है तो उसकी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं यहां तो पुलिस कभी-कभार मरने वालों के परिजनों से उस गोली तक की कीमत वसूल की जाती है। जहां कुछ लोग इस तरह की घटनाओं को गलत मानते हैं तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस द्वारा ऐसा किया जाना उचित है।