इस्राइल में कोरोना वायरस को लेकर लोगों को अपनी नौकरियां गवांनी पड़ी है। इससे व्यवसायों पर गहरा असर पड़ा है। इसे जनता पीएम की विफलता मान रही है और उनसे लगातार इस्तीफा देने की मांग कर रही है।
गौरतलब है कि बीते कुछ हफ्तों में आलोचकों ने नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसे लेकर उन्होंने विरोध प्रदर्शनों को तेज कर दिया है। दरअसल, पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पर रिश्वत के आरोप है। उन पर अन्य मामलों में भी धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप हैं।
इससे पहले इस्राइल के पीएम बेंजमिन नेतन्याहू ने उनके शासन के खिलाफ बढ़ते प्रदर्शनों की रविवार को कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि ये प्रदर्शन पूर्वाग्रह से ग्रस्त है। इसे मीडिया से प्रेरित बताया, जिसने तथ्यों को गलत तरह से पेश किया है और प्रदर्शनों पर आनंद लेती है।
हाल के कुछ हफ्तों में नेतन्याहू के खिलाफ कई जोरदार प्रदर्शन हुए हैं। इनमें प्रदर्शनकारियों ने लंबे समय से शासन कर रहे पीएम का इस्तीफा मांगा है। पीएम ने इन प्रदर्शनों को अराजक मानते हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को वामपंथियों का अड्डा बताया है। इनके जरिए वे एक मजबूत दक्षिणपंथी नेता को सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे हैं।