यूएनएससी में चीन-पाक की साजिश हुई फेल, भारत का रूस और अमरीका ने दिया साथ इस बात की जानकारी उन्होंने बुधवार को दी। यह फैसला उन्होंने राष्ट्रपति के ‘राष्ट्र के नाम संदेश’ के बाद दिया। इसमें उन्होंने संविधान में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। पुतिन ने मार्च 2018 में राष्ट्रपति पद के लिए जीत दर्ज की थी ये उनकी चौथी जीत थी।
पुतिन 2024 तक राष्ट्रपति पद पर रहेंगे। पूर्व पीएम Mikhail Kasyanov ने पुतिन की आलोचना करते हुए कहा कि वो संविधान में इस तरह का बदलाव सिर्फ इसलिए चाहते हैं कि क्योंकि वो हमेशा राष्ट्रपति पद पर रहना चाहते हैं। संविधान के हिसाब से पुतिन अगली बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते।
प्रधानमंत्री मेदवेदेव के पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें रूस की सुरक्षा समिति में डिप्टी सेक्रेटरी का पद देने की घोषणा की। पुतिन ने कहा कि वह रूस की सुरक्षा समिति में डिप्टी सेक्रेटरी का पद बनाने का मन बना रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक दिमित्री स्मिरनोव ने कई हैरान करने वाले सवालों के जवाब देते हुए ट्विटर पर कहा कि एक ही दिन में यह सब क्यों हुआ। उनका जवाब था कि इसका मतलब है कि क्रेमलिन के इतिहास को अच्छे से जानते हैं। क्रांति को तेजी से लाया जाना चाहिए, चाहे वह कहीं से भी शुरू हो।
उन्होंने कहा कि संसद की शक्तियों, पीएम पद और राज्य परिषद नामक एक निकाय के विस्तार के लिए पुतिन ने संविधान में संशोधन का प्रस्ताव रखा। ये बदलाव जब लागू हो जाएंगे तो न सिर्फ़ संविधान के सभी अनुच्छेद बदल जाएंगे बल्कि सत्ता संतुलन और ताकत में भी बदलाव आएगा। इसलिए मौजूदा सरकार ने इस्तीफा दिया है।