101 वर्षीय बुजुर्ग ने कोरोना वायरस पर पाई विजय, डॉक्टर हो गए हैरान वहीं एक शोध में खुलासा हुआ है कि वायरस का असर जानवरों पर काफी निचले स्तर पर होता है। हांगकांग कृषि और मत्सय विभाग के अनुसार अभी तक पशुओं में यह संक्रमण नहीं पाया था और अगर उनमें लक्षण होगा भी तो वह नाममात्र होगा।
इस शोध के लिए कुत्तों पर परीक्षण किया गया। यूनिवर्सिटी आफ हांगकांग और विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कुत्तों में यह संक्रमण काफी निम्न स्तर का होता है। ऐसे में जनता को अपने मन से ये भ्रांति दूर करनी चाहिए कि वे अपने पालतू जानवर के जरिए भी कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं।
गौरतलब है कि 2003 सार्स के फैलने के बाद भी यही बात सामने आई थी। इस दौरान शोध में पाया गया था कि बिल्ली और कुत्ते इस वायरस को फैला नहीं सकते हैं। इस दौरान कई पालतू जानवर पॉजिटिव पाए गए, मगर इससे वह बीमार नहीं पड़े। इस दौरान एक पौमेरियन नस्ल के कुत्ते में यह संक्रमण पाया गया था, मगर इस वायरस का असर उस पर बिल्कुल भी नहीं पड़ा।
डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन का कहना है कि जानवरों से यह फैल नहीं सकता है। मगर पालतू जानवरों को रखने वालों को ऐहतियात के तौर पर अपने हाथ को हमेशा साफ रखना चाहिए। जानवरों को छूने के बाद तुरंत अपने हाथों को साबुन से धोने की आवश्यकता है।