पाकिस्तान रक्षा दिवस को ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ के रूप में मनाएगा
मुर्गे की बांग को लेकर शहरी और ग्रामीण लोग बंट गए। शहरी लोगों का कहना था कि मुर्गे के सुबह-सुबह बोलने से उनकी नींद में खलल पड़ता है। पड़ोसी ने इसे ध्वनि प्रदूषण बताया। वहीं ग्रामीणों को इस पर कोई ऐतराज नहीं था। आखिरकार गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि इस पक्षी को बोलने का अधिकार है।
मौरिस नाम के इस मुर्गे को क्रोनी फेस्सयू ने पाला था। क्रोनी के वकील के अनुसार मौरिस केस जीत गया है। उसके मालिक को हर्जाने के रूप में 1000 रुपये देना होगा। क्रोनी ने कहा कि आज तक किसी ने मुर्गे के बोलने को लेकर ऐसे आपत्ति नहीं की। इस दौरान एक दंपती छुट्टियां मनाने यहां पर आया। इसे मुर्गे की बांग से ऐतराज हुआ। लुइस बिरन और उनकी पत्नी की शिकायत थी कि मुर्गे के बोलने की वजह से सुबह-सुबह उनकी नींद टूट जाती है।
कोर्ट के फैसले के बाद क्रोनी ने कहा कि यह उनकी तरह के सभी लोगों की जीत है। वह बेहद खुश थीं। मौरिस नाम के इस मुर्गे पर छिड़ी बहस ने लाखों लोगों को एकजुट कर दिया और लोगों ने उसके समर्थन में ‘सेव मौरिस’ अभियान तक चला दिया।
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