रूसी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यहां के अरबपतियों और राजनेताओं को कोरोना वायरस (Coronavirus) की प्रायोगिक वैक्सीन को अप्रैल में ही लगा दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति पुतिन को ये टीका दिया गया है या नहीं ये पूरी तरह से पुष्ट नहीं है। मगर जब सभी शीर्ष राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारी और अरबपतियों को इसे दिया जा चुका है तो ऐसे में पुतिन का छूट जाना मुमकिन नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार जिन अमीरों को यह वैक्सीन दी गई, उनमें एल्युमीनियम की विशाल कंपनी यूनाइटेड रसेल के शीर्ष अधिकारी,अरबपति और सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। इसे मास्को स्थित रूस की सरकारी कंपनी गमलेया इंस्टीट्यूट ने अप्रैल में बनाया था।
सेना ने इसे बनाने में फंड दिया है रिपोर्ट के अनुसार गमलेई वैक्सीन को रूस की सेना और सरकारी रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने मदद के लिए फंड किया है। रूस के अनुसार इस वैक्सीन का बीते हफ्ते ही पहला ट्रायल पूरा हो गया है। ये टेस्ट रूस की सेना के जवानों पर हुआ था। मगर इसके नतीजे सामने नहीं लाए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि एक बड़े समूह पर इसका परीक्षण शुरू हो गया है।
रूस में गमलेई की वैक्सीन पश्चिमी देशों की तुलना में काफी तेजी से आगे बढ़ रही है। यहां पर तीन अगस्त से वैक्सीन का फेज तीन का ट्रायल शुरू होगा। इसमें रूस, सऊदी अरब और यूएई के हजारों लोग शामिल होंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि रूस सितंबर तक कोरोना वायरस वैक्सीन अपने नागरिकों को दे देगा।
सितंबर से प्रोडक्शन होगा शुरू गमलेई सेंटर के हेड अलेक्जेंडर जिंट्सबर्ग के अनुसार उन्हें उम्मीद है कि वैक्सीन 12 से 14 अगस्त में जनता के बीच आ जाएगी। प्राइवेट कंपनियां सितंबर से वैक्सीन का बड़े पैमाने पर प्रॉडक्शन शुरू करने वाली हैं। गमलेई सेंटर हेड के मुताबिक, वैक्सीन पूरी तरह से ह्यूमन ट्रायल में सुरक्षित साबित हुई है।
अगस्त में जब मरीजों को वैक्सीन दी जाएगी तो यह फेज 3 ट्रायल होगा। जिनकों को दवा दी जाएगी, उनकी मॉनिटरिंग की जाएगी। फेज तीन बड़े समूह पर टेस्ट किया जाएगा। बता दें कि रूस में कोरोना वायरस के 7,50,000 मामले सामने आए हैं।