न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार- 1995 रासायनिक गैस हमले के बाकी बचे छह दोषियों को फांसी दे दी गई। गौर हो, जापान के टोक्यो में 20 मार्च 1995 के दिन यह हमला किया गया था, जिसमें सैकड़ों को मौके पर ही मारे गए थे। हादसा इतना भयंकर था कि इसमें छह हजार से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- इस हमले के मास्टर माइंड असहारा को हमले के दो महीने बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था। हमले के समय सुबह के समय अंडरवे के माध्यम से लोग अपने दफ्तरों की तरफ जा रहे थे। तभी पांच लोगों को सरीन गैस सिलेंडरों से लैस होकर वहां पर दाखिल होते हुए देखा गया। उन्होंने लोगों पर अचानक गैस का छिड़काव करना शुरू कर दिया। इस दौरान गैस से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई व कई अन्य जख्मी हो गए। एक रिपोर्ट के अनुसार- लगभग 688 लोगों को इमरजेंसी सेवाओं के माध्यम से अस्पताल लेजाया गया, जबकि पांच हजार से ज्यादा की संख्या में लोग निजी वाहनों के माध्यम से अस्पपताल पहुंचे।
बता दें, सिलेंडरों में वही सीरेन गैस थी, जिसका इस्तेमाल नाजियों ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान किया था। गौरतलब है कि इसी महीने की छह तारीख को इस मामले में मुख्य दोषी कट्टर धार्मिक नेता शोको आसाहारा और उसके 5 अन्य अनुयायियों को मौत की सजा दे दी गई थी। जापान की जस्टिस मिनिस्ट्री ने इस समाचार की पुष्टि की थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- जापान की सरकार ने 20वीं सदी के सबसे भयानक गैस हमले में दोषी आसाहारा को फांसी पर लटका कर एक भयानक अध्याय का खत्मा किया है।