डेढ़ घंटे तक पैदल चलना पड़ा अरियानी के अनुसार बचावकर्मियों ने शवों को निकालने के लिए कीचड़ भरे रास्ते से गुजरना पड़ा और शवों को एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए करीब डेढ़ घंटे तक पैदल चलना पड़ा। शुक्रवार की शाम में आए भूकंप और सुनामी से मध्य सुलावेसी तबाह हो गया है। समुद्र के किनारे स्थित शहर में आई सुनामी से यहां की सड़कें, इमारतें, पेड़-पौधे सब बह गए। अभी तक कम से कम 844 लोगों के मरने की खबर है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि दूर-दराज के क्षेत्रों तक बचाव दलों के पहुंचने के बाद मरनेवालों की संख्या और भी बढ़ सकती है।
191,000 लोगों को तत्काल मदद की जरूरत इंडोनेशिया की सेना बचाव कार्य में जुटी हुई है। इसके बावजूद अभी भी कई लोगों तक मदद नहीं पहुंच सकी है। पीड़ित लोग सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। यहां कई गैर-सरकारी संगठन कार्य में जुटे हुए हैं। यूनाइटेड नेशन्स ऑफिस फॉर द कॉर्डिनेशन ऑफ ह्यूमेनिटेरियन अफेयर्स ने सोमवार को आगाह किया कि करीब 191,000 लोगों को तत्काल मदद की जरूरत है,जिनमें से 46,000 बच्चे और 14,000 बूढ़े हैं। कई ऐसे क्षेत्र अब भी हैं जो सरकार के बचाव प्रयासों के केंद्र में नहीं हैं। प्रशासन के लिए यह चिंता का विषय है कि इंडोनेशिया की गर्म जलवायु में शव तेजी से सड़ने लगते हैं जिससे घातक बीमारियां फैल सकती है।