उन्होंने याद दिलाया कि चीन ने सेना पर होने वाले खर्च को सात प्रतिशत बढ़ा कर 152 अरब डॉलर कर लिया है। इसका लक्ष्य विवादित दक्षिण चीन सागर में अमरीका के बढ़ते दबाव से निपटना है।
ट्रंप ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि निश्चित तौर पर चीन दुनिया के लिए इस मायने में खतरा है। वे किसी की भी तुलना में बहुत तेजी से अपनी सेना को ताकतवर बना रहे हैं। सच कहूं तो वे अमेरिकी पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ट्रंप जब बयान दे रहे थे तो इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि उनसे पहले के अमरीकी राष्ट्रपतियों ने चीन को हर साल 500 अरब डॉलर या उससे ज्यादा की राशि लेने की इजाजत दी।
इस साल की शुरुआत में चीन के साथ व्यापार सौदे के अचानक समाप्त हो जाने को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि हमने काफी काम किया है। बौद्धिक संपदा से लेकर हर मुश्किल चीज पर चर्चा की। आखिरी क्षण में उन्होंने कहा कि वे इससे सहमत नहीं हैं।
इस दौरान अमरीकी दौरे पर पहुंचे ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने चीन पर अलग नजरिया पेश किया। मॉरीसन ने कहा कि चीन के साथ उनकी बेहतर राजनीतिक साझेदारी है। जैसा कि हमने कई बार कहा है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जैसे-जैसे देश विकास करते हैं और अपनी क्षमताओं को पहचानते हैं। वे एक नए स्तर तक पहुंच जाते हैं। इसका अर्थ यह होता है कि उनके ऊपर कुछ खास नियम लागू होंगे।