अमरीकी राष्ट्रपति ने WHO के महानिदेशक को 4 पन्नों का पत्र लिखा, पत्र में कोरोना वायरस (Coronavirus) पर WHO को अब तक की असफलता को पूरे घटनाक्रम के साथ दर्शाया गया है। चीन के दबाव और प्रभाव में काम करने का आरोप लगाया गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि WHO को अपनी कार्यशैली में सुधर लाना होगा, नहीं तो फंड स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा। ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस बात को लेकर आलोचना की है।
ट्रंप ने कहा है कि WHO ने वुहान में बीते साल दिसंबर में फैले इस वायरस से जुड़ी भरोसेमंद रिपोर्टों को लगातार नजरअंदाज किया। उन्होंने चीन की लगातार तारीफ करने के लिए भी WHO की निंदा की। ट्रंप ने कहा कि WHO के लिए आगे बढ़ने का केवल वही तरीका है कि वो खुद को चीन की आधीनता से दूर रखे। राष्ट्रपति का कहना है कि अगर WHO ने अपने अंदर कोई सुधार नहीं दिखाया तो उसके सभी फंड को रोक दिया जाएगा। अमरीका WHO की सदस्यता में बने रहने पर भी पुनर्विचार कर सकता है।
गौरतलब है कि अमरीका शुरूआत से ही चीन को कोरोना वायरस फैलाने का दोषी मानता है। उसका कहना है चीन ने पूरी दुनिया से इस महामारी को छिपाने की कोशिश की है और इस कोशिश में उसका साथ WHO ने दिया है। शुरूआत में WHO ने इस बीमारी को इंसान से इंसान में फैलने वाली बीमारी नहीं बताया था। मगर जैसे ही विश्वभर में आंकड़े बढ़े तब उसने महामारी की सूचना दी।