सैन्य अभ्यास को रोका ट्रंप ने इस साल जून में किम जोंग-उन के साथ सिंगापुर में हुई मुलाकात के बाद दक्षिण कोरिया के साथ होने वाला सैन्य अभ्यास रोक दिया था। यह बहस ऐसे वक़्त में छिड़ी है जब कई जानकारों का कहना है कि सिंगापुर में अमरीका के साथ हुई शिखरवार्ता के बाद उत्तर कोरिया अपने परमाणु स्थलों और रॉकेटों को नष्ट करने में तेजी दिखा रहा है। अमरीका पर यह दबाव है कि वह किम जोंग उन के साथ सिंगापुर हुई मुकालात के नतीजों को ज़मीन पर उतारकर दिखाए। इस दबाव की बड़ी वजह ये है कि किम जोंग-उन से मुलाकात के तुरंत बाद ट्रंप ने ऐलान किया था कि उत्तर कोरिया से अब किसी तरह का परमाणु ख़तरा नहीं है।
अमरीका और चीन में ट्रेड वॉर हाल ही में अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने अपना उत्तर कोरिया दौरा रद्द कर दिया था। उनका कहना था कि उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण के मामले में जो प्रगति हुई है,वो नाकाफ़ी है। इसके बावजूद भी ट्रंप ने उत्तर कोरिया का पक्ष लिया था। उन्होंने ट्वीट में कहा है कि उत्तर कोरिया पर चीन का भारी दबाव है क्योंकि अमरीका और चीन के बीच इस दौरान ‘ट्रेड वॉर’ चल रहा है। हालांकि ट्रंप ये भी कहते हैं कि उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग-उन के साथ उनका रिश्ता बहुत अच्छा और गर्मजोशी वाला है और इसलिए वो दक्षिण कोरिया के साथ ‘वॉर गेम’ यानी सैन्य अभ्यास फिर से शुरू नहीं करेंगे।