उसने कहा कि अभ्यास का उद्देश्य हवाई रक्षा क्षमता बढ़ाने के साथ विमान वाहक पोत से लंबी दूर तक मार करने की क्षमता को अचूक बनाना था। गौरतलब है कि चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना प्रभुत्व जमाना चाहता है। जबकि इस क्षेत्र में पांच अन्य देशों ने अपना अधिकार बताया है।
चीन ने अमरीकी अभ्यास की निंदा की चीन ने कहा है कि अमरीका दक्षिण चीन सागर में अपना सैन्य दबदबा बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान का कहना है कि अभ्यास का असली मकसद क्षेत्र में स्थिरता को बिगाड़ने का प्रयास है।
अमरीका ने किया था पलटवार अमरीकी नौसेना ने ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के आधार पर चीन पर पलटवार किया था। चीन की मिसाइल हमले की धमकी पर अमरीकी नौसेना ने उसका मजाक उड़ाया था। चीन के ग्लोबल टाइम्स ने एक ट्वीट में लिखा था, “चीन के पास DF-21D और DF-26 जैसे हथियारों की लंबी शृखंला मौजूद है। दक्षिण चीन सागर पूरी तरह से एलपीए की मुट्ठी में है। चीन पर पलटवार करते हुए अमरीकी नौसेना ने कहा, ‘दक्षिणी चीन सागर में अमरीकी नौसेना का दो विमान वाहक मौजूद हैं। वह बिल्कुल भी भयभीत नहीं है।’
रोनाल्ड रीगन और निमित्ज दक्षिणी चीन सागर में तैनात अमरीका ने अपने दो विमान वाहक को दक्षिणी चीन सागर में भेजा है। यूएसएस रोनॉल्ड रीगन और यूएसएस निमित्ज को सैन्य अभ्यास में शामिल हैं। बताया जा रहा है कि सैन्य अभ्यास पहले से तय था। लेकिन चीन ने अचानक अपना सैन्य अभ्यास यहां पर शुरू कर दिया। चीन ने पैरासेल द्वीप समूह के पास सैन्य अभ्यास आयोजित किया है। ऐसे में अमरीका अपने पूरे दमखम के साथ समुद्र में उतरा है। चीन को वह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि अगर उसने कोई हिमाकत की तो अंजाम बुरा होगा।