विफलताओं के परिणाम भुगतने पड़े
न्यूयॉर्क में अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हम एक नए शीत युद्ध की मांग नहीं कर रहे हैं, जहां दुनिया विभाजित है। अमरीका किसी भी राष्ट्र के साथ काम करने के लिए तैयार है जो शांतिपूर्ण प्रस्तावों का अनुसरण करता है। क्योंकि हम सभी को अपनी विफलताओं के परिणाम भुगतने पड़े हैं।
बाडेन ने कहा कि अमरीका ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। हम कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण डिमिल्ट्रीलाइजेशन को आगे बढ़ाने के लिए गंभीर और निरंतर कूटनीति चाहते हैं।
नैतिकता में हमें एफ मिलता है
यूएनजीए में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कोविड वैक्सीनेशन को लेकर दुनियाभर में चले अभियान को लेकर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि एक ओर, हम देखते हैं कि रिकॉर्ड समय में COVID के टीके विकसित हुए हैं, विज्ञान की जीत, मानव सरलता।
दूसरी ओर, हम राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी, स्वार्थ और अविश्वास की त्रासदी से जीत को पूर्ववत देखते हैं। हमने विज्ञान की परीक्षा पास की,लेकिन नैतिकता में हमें एफ मिलता है। एफ को फेल की श्रेणी में रखा गया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मंगलवार को वैश्विक नेताओं से कहा, दुनिया कभी भी अधिक खतरे या अधिक विभाजित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी एक अलार्म की तरह है। हमें जलवायु संकट को समझना होगा। वहीं अफगानिस्तान और अन्य देशों में एक उथल-पुथल की घटनाएं शांति को विफल करने की कोशिश में लगी हैं।