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चीन ने अब तक विश्व समुदाय को जांच करने का मौका नहीं दिया। इस पर ब्लिंकन ने एक साक्षात्कार कहा कि कोरोना की तह तक जाने के लिए सबसे बड़ी वजह यह है कि यही एक तरीका है,जिससे हम अगली महामारी से बच सकते हैं या इसे खत्म करने के लिए कदम उठा सकते हैं।
चीन लगातार आलोचनाओं से घिरा
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की जांच को लेकर चीन लगातार आलोचनाओं से घिरा हुआ है। बीते माह अमरीकी मीडिया में खबर छापी थी,जिसके मुताबिक कोरोना महामारी का पहला मामला दर्ज होने से एक माह पहले ही चीन की वुहान लैब के कुछ शोधकर्ता बीमार पड़े थे। इनमें कोरोना वायरस जैसे लक्षण थे और इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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पारदर्शिता नहीं बरत रहा चीन
ब्लिंकन के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर चीन वैसी पारदर्शिता नहीं बरत रहा है और न ही उस तरह की कोई जानकारी दी। ब्लिंकेन के अनुसार बीजिंग अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं को एंट्री दे और उन्हें हर जरूरी जानकारी को भी दी जाए। इससे पहले शनिवार को पूर्व अमरीका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा था कि अमरीका और अन्य देशों को कोरोना महामारी की वजह से नुकसान को लेकर चीन से मुआवजा मांगना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी को चीन पर दबाव बनाने का प्रयास करना चाहिए।