बयान के मुताबिक,”अमरीकी नागरिकों से लंबी पूछताछ और नजरबंद जैसी गलत हरकत हो सकती है। अमरीकी नागरिकों को हिरासत में लिया जा सकता है या चीन से निकाला जा सकता है। अमरीका ने अपने नागरिकों को आगाह किया है कि यदि आपको गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है, तो पुलिस या जेल अधिकारियों को अमरीकी दूतावास या निकटतम वाणिज्य दूतावास को तुरंत सूचित करने के लिए कहें।’
अमरीका ने हाल में उइगर मुस्लिमों (Uighur Muslims) पर हो रहे अत्याचारों को लेकर आवाज उठाई थी। उसने चीन के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को अमरीका में बैन कर दिया। इससे गुस्साया चीन अब अमरीकियों को परेशानी में डाल सकता है।
चीन ठोस जवाबी कार्रवाई करेगा इस मामले में चीन के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर अमरीका घमंड के साथ कार्रवाई करता है, तो चीन निश्चित रूप से लड़ेगा। हम अमरीका से इस गलत निर्णय को सही करने का आग्रह करते हैं। यदि अमरीका आगे बढ़ना जारी रखता है, तो चीन ठोस जवाबी कार्रवाई करेगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये चेतावनी अमरीका और चीन के बीच कोरोनो वायरस (Coronavirus) महामारी, हांगकांग सुरक्षा कानून, व्यापार और शिनजियांग क्षेत्र में उइगरों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों सहित कई मुद्दों को लेकर दी गई है।
भारतीयों ने सर्वश्रेष्ठ तरीके से जवाब दिया है हाल ही में अमरीका ने चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को अपने देश में प्रवेश के लिए अयोग्य ठहरा दिया था। अब ये तीनों अधिकारी अमरीका में एंट्री नहीं ले पाएंगे। इसकी जानकारी अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने ट्टवीट करके दी है। उन्होंने कहा है कि शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए इन तीनों जिम्मेदार माना गया है। इन तीनों अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों के सहित अमरीका में एंट्री नहीं मिलेगी। इससे पहले माइक पोम्पियो ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर अपने बयान में कहा था कि कि अमरीका भी मानता है कि भारत ने चीन की नीच हरकत का करारा जवाब दिया है। पोम्पियो ने कहा कि चीन ने अविश्वसनीय रूप से आक्रामक कार्रवाई की, भारतीयों ने सर्वश्रेष्ठ तरीके से जवाब दिया है।