अब आप वही सोच रहे होंगे जो हमने पहले आपसे ही पूछा था कि ये लोग सफर कैसे करते होंगे। तो भाई साहब इस शहर के लोग और यहां आने वाले सैलानी सिर्फ नावों में बैठकर पानी में ही यात्रा करते हैं। लेकिन एक चौंकाने वाली बात ये भी है कि इस शहर को बहुत कम लोग ही जानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि 18वीं सदी में इस शहर की खोज हुई थी जो ज़मीन में धंसा हुआ मिला था। इस शहर का नाम गिएथूर्न है, जो वेनिस ऑफ नीदरलैंड के नाम से भी जाना जाता है। इस शहर में तकरीबन 2,600 लोग ही रहते हैं।
लोग यहां-वहां जाने के लिए नहर का प्रयोग करते हैं। यहां तक कि डाकिए भी डाक लाने के लिए नाव से ही नहरों के रास्ते आता है। इस शहर को हद से ज़्यादा खूबसूरत बनाने के लिए करीब 176 लकड़ी के पुलों का निर्माण कराया गया। लेकिन धीरे-धीरे जब लोगों को इस शहर के बारे में पता चला तो यहां पर्यटन में काफी बढ़ोतरी हुई है। जिससे सरकार के साथ-साथ यहां के लोगों के लिए आमदनी का भी अच्छा ज़रिया मिल गया। शहर में आने वाले लोगों को पहले ही बता दिया जाता है कि कृपया अपने वाहन बाहर ही किसी जगह पर पार्क कर दें।