चुनाव का पहला चरण 26 नवंबर को संपन्न हुआ था। चुनाव से पहले देश के कई हिस्सों में विस्फोट हुए थे, जिसे देखते हुए चुनावों में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी करने का निर्णय लिया गया था। मतदान के लिए सेना समेत दो लाख से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने नेपाल में लाेकतंत्र को मजबूत करने के लिए लोगों को अपने वोट के अधिकार का उपयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि नेपाल लोकतांत्रिक प्रणाली के जरिए विकास के पथ पर अग्रसर हो। इसी से देश में बदलाव संभव है। चुनाव मंे 45 जिलों में संसदीय प्रतिनिधि सभा की 128 सीटों तथा 256 प्रांतीय विधानसभाओं के लिए मतदान हो रहा है। इनमें प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भी चुनाव लड़ रहे हैँ। देउबा समेत 4,482 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। प्रतिनिधि सभा के लिए 1,663 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जबकि प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 2,819 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
चुनाव में मुख्य मुकाबला नेपाली कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच है। वाम मोर्च में सीपीएन यूएमएल और प्रचंड के नेतृत्व वाले पूर्व माओवादी नेता शामिल हैं। चुनावी व्यवस्था के आधार पर सीटों के लिए कुल 4,482 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें मात्र 400 महिला उम्मीदवार हैं।