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नए वायरस स्ट्रेन के खिलाफ Corona Vaccine की जांच, Pfizer ने उठाया बड़ा कदम

यूके में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने बढ़ाई वैक्सीन निर्माताओं की चिंता।
विशेषज्ञों ने जताई संभावना कि वैक्सीन प्रभावकारिता में मामूली गिरावट संभव।
फाइजर ने कथित तौर पर इसका डेटा तैयार करने के लिए काम करना शुरू कर दिया।

Will COVID-19 Vaccine not work against Coronavirus New Strain found in UK? Pfizer takes step

नई दिल्ली। SARS-CoV-2 के नए संस्करण (स्ट्रेन) ने कोरोना वायरस रोग (कोविड-19) के खिलाफ इम्यूनिटी प्रदान करने के लिए विकसित किए गए टीकों की प्रभावशीलता पर चिंता जताई है। कहा जा रहा है कि यह नया स्ट्रेन दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में उत्पन्न हुआ था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फाइजर इंक ने डेटा जनरेट करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है ताकि इसकी कोविड-19 वैक्सीन BNT162b2 हासिल करने वाले व्यक्तियों के खून के नमूनों के जरिये पता लगाया जा सके कि वे कितनी अच्छी तरह से “यूके के नए स्ट्रेन को बेअसर करने में सक्षम हो सकता है।”
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इससे पहले सोमवार को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कोविड-19 वैक्सीन प्रोग्राम (ऑपरेशन वैर्प स्पीड) के प्रमुख डॉ. मॉनसेफ स्लाऊई ने कहा था कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि म्यूटेशन का एक सेट उन संरचनाओं को पूरी तरह से बदल देगा जिनके खिलाफ वैक्सीन इम्यून रिस्पॉन्स (प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया) को प्रेरित करते हैं।
एक प्रेस वार्ता के दौरान ट्रम्प के वैक्सीन कार्यक्रम के मुख्य विज्ञान सलाहकार स्लाऊई ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फाइजर और मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन ब्रिटेन में पाए जाने वाले नए प्रकार के कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी होंगी।
मॉडर्ना को भी उम्मीद

इस बीच, मॉडर्ना ने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन के जरिये दी गई इम्यूनिटी यूके में पाए जाने वाले वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षात्मक होगी। इसने आगे कहा कि कंपनी आने वाले हफ्तों में “इस उम्मीद की पुष्टि” करने के लिए अतिरिक्त परीक्षण करेगी। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने फाइजर/बायोएनटेक और मॉडर्ना द्वारा विकसित केवल दो कोविड-19 टीकों को अधिकृत किया है।
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नए संस्करण के जीनोम का विश्लेषण करने वाले कुछ शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि “एंटीजेनिक बहाव” के कारण वैक्सीन की प्रभावकारिता में “मामूली कमी” हो सकती है। फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर के वैक्सीन और संक्रामक रोग विरभाग में एसोसिएट प्रोफेसर ट्रेवर बेडफोर्ड ने कहा, “वैक्सीन प्रभावकारिता में कुछ मामूली प्रभाव पड़ सकता है, जो अच्छा नहीं होगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह वैक्सीन को ही बेकार कर देगा।”
बेडफोर्ड ने एक के बाद एक ट्वीट्स में कहा था कि वैक्सीन डेवलपर्स को आने वाले वर्षों में वैक्सीन में इस्तेमाल किए जाने वाले स्पाइक संस्करण को अपडेट करने के लिए एक प्रक्रिया की आवश्यकता होगी, ताकि फैलने वाले वायरस से सबसे सटीक मिलान हो। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि टीकाकरण रिकॉर्ड्स को जीनोमिक निगरानी से जोड़कर सफलता के संक्रमण में शामिल वेरिएंट की पहचान की जाए।
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वहीं, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को कहा कि भारत और दुनिया भर में विकसित कोविड-19 टीकों की प्रभावशीलता पर अब तक नए वायरस स्ट्रेन का कोई प्रभाव नहीं है। कई देशों द्वारा यूके से आने वाली यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद भारत ने यूके से आने और जाने की सभी उड़ानों को 22 दिसंबर को 11.59pm से शुरू होकर 31 दिसंबर को 11.59 बजे तक निलंबित कर दिया है।

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