1-ब्रेग्जिट ब्रेग्जिट यानी ब्रिटेन का यूरोपियन यूनियन (ईयू) से अलग होना। ब्रिटेन का अलगाव सुनने में भले साधारण लगता हो लेकिन इसके दूरगामी असर हैं। इससे पूरे यूरोप की आर्थिक और विदेश नीति में बड़ा बदलाव होगा। इसके लिए ब्रिटेन में जनमत संग्रह तक कराया गया। इसमें लोगों ने एकसुर में यूरोप से अलग होने का फैसला लिया। इस पूरी प्रक्रिया में दो साल का वक्त लगेगा लेकिन ब्रिटेन में इससे जुड़ी हर दिन कोई न कोई घटना सामने आ रही है।
जनमत संग्रह में हार के बाद तत्कालीन पीएम डेविड कैमरून को इस्तीफा देना पड़ा। बाद में इसी का शिकार थेरेसा मे हुईं। अब बोरिस जॉनसन भी इसी कतार में हैं, जिन्होंने ब्रेग्जिट को देखते हुए देश में आम चुनाव का ऐलान किया है। आम चुनाव में मौजूदा पीएम बोरिस जॉनसन ने दोबारा जीत हासिल की है।
2-हांगकांग में प्रदर्शन हांगकांग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब चीन की नीति के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए। शायद पहली बार हुआ जब वहां के शांतिप्रिय लोग चीन की नीति के खिलाफ सड़कों पर उतरे। इस दौरान वह लोकतंत्र की मांग कर रहे हैं। यह प्रदर्शन अब भी जारी है। चीन इसे दबाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है। यहां पर प्रदर्शन का कारण चीन का प्रत्यर्पण बिल है। हांगकांग का मानना है कि इससे वह चीन के हाथों गुलाम बन जाएगा।
3-अमरीका-चीन टैरिफ वॉर डोनाल्ड ट्रंप का एक डायलॉग काफी लोकप्रिय है,जिसमें उन्होंने साल 2017 में अपने सलाहकारों से कहा था-आई वॉन्ट टैरिफ्स…। साल 2018 में शुरू हुआ टैरिफ वॉर 2019 में अपने विकराल रूप ले लिया। इससे चीनी सामानों पर 50 अरब डॉलर के टैरिफ से शुरू हुआ यह कारोबारी युद्ध 250 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इससे अमरीका के साथ चीन को भी भारी नुकसान हुआ। इसके साथ उन देशों पर भी दूरगामी असर देखने को मिला जो चीन पर निर्भर थे।
4-ट्रंप-किम जोंग के बीच वार्ता अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात की। इसके बाद किम जोंग उन के साथ डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया की सरजमीं पर कदम रखा। इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ऐसे पहले अमरीकी राष्ट्रपति बन गए जिन्होंने उत्तर कोरिया की धरती पर कदम रखा।
5-बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने इसका बदला लिया था। इस के लिए पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक की थी। भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया था। इस हमले में करीब 200 से 300 के बीच आतंकी मारे गए थे। इस हवाई हमले में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया. इस दौरान भारतीय वायुसेना का विमान मिग-21 हादसे का शिकार हो गया और इसको उड़ा रहे पायलट विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे में पहुंच चुके थे। बाद में भारत के दबाब में आकर पाकिस्तान ने अभिनंदन को छोड़ दिया था।
6-आतंक का आका बगदादी ढेर अमरीकी सेना ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के सरगना अबु बकर-अल बगदादी को मार गिराया। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इस बात की पुष्टी की। डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेसवार्ता के जरिए इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बगदादी सुरंग में छिपा हुआ था जो अमरीकी सेना के हमले में मारा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि बगदादी के साथ उसके तीन बच्चे भी मारे गए। अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के बाद से अबू बकर अल-बगदादी दुनिया का मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी था।
7-अमेरिका-तालिबान शांति वार्ता तालिबान के नाम का खौफ खाने वाली दुनिया अब एक नया घटनाक्रम देख रही है। आतंकी संगठन तालिबान और अमरीका के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने जा रहा है। हालांकि इस बातचीत काफी दिनों से जारी है। मगर कोई न कोई बात पर यह समझौता हर बार खटाई में पड़ गया। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान अपने हमले रोकने के लिए तैयार है। इसके साथ उम्मीद जगी है कि अमरीका और तालिबान जल्द शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
8-श्रीलंका में आतंकी हमला श्रीलंका में अप्रैल माह में सीरियल बम धमाकों ने तबाही मचा दी। तीन चर्च समेत 6 अलग-अलग जगह हुए इन बम धमाकों में 200 लोगों की मौत हो गई। दो चर्चों के अंदर आत्मघाती बम धमाके किए गए। ये हमले श्रीलंका की राजधानी कोलंबो समेत तीन शहरों में सिलसिलेवार तरीके से किए गए। ईस्टर पर्व के मौके पर जब ईसाई लोग चर्चों में प्रार्थना करने पहुंचे थे,उस वक्त धमाके हुए। इसके कारण बड़ी तादाद में जान माल की हानि हुई।
9- न्यूजीलैंड में भी हमला न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में 15 मार्च को दो मस्जिदों पर आतंकवादी हमला हुआ। यह अप्रत्याशित था जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई। इस आतंकी हमले को 28 साल के ऑस्ट्रेलियाई ब्रेंटन टैरेंट ने अंजाम दिया था जिस पर हत्या के 50 मामले और हत्या की कोशिश के 39 आरोप हैं। इस घटना के तार श्रीलंका धमाकों से भी जोड़े गए।
10-इजरायल में नेतन्याहू की विदाई इजरायल में सितंबर में हुए प्रधानमंत्री पद के चुनाव नतीजा साफ नहीं हो पाया। यहां पर कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती। बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 31 सीटें,विपक्षी दल के नेता बैनी गैंट्ज की पार्टी को 33 सीटें मिली। ऐसे में अगर जल्द ही सरकार का गठन नहीं होता है तो राष्ट्रपति की ओर से एक बार फिर चुनाव का आदेश दिया जाएगा।